लखनऊ। अपनी मांगों को लेकर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ उप्र की ओर से रविवार को कैसरबाग के नाट्य कला केंद्र में एकत्र हुए। इसमें पीजीआई, लोहिया संस्थान, केजीएमयू समेत अन्य अस्पतालों से भी अधिक संख्या में संविदा कर्मचारी शामिल हुए। इस सम्मेलन में करीब 1200 कर्मचारी मौजूद थे।
यहां पर निर्णय हुआ कि 28 अक्टूबर को गीतापल्ली ईको गार्डेन पर धरना देंगे। उसके बाद विधान भवन तक वहीं से पैदल मार्च निकालेंगे। इसके साथ ही नवंबर माह में प्रदेश भर के अस्पतालों में कार्यरत संविदा कर्मचारी विरोध में कार्य बहिष्कार करेंगे।
ये है मांग
संघ की ओर से रविवार को आयोजित सम्मेलन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री अतुल मिश्रा अतिथि रहे। उन्होंने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का पूरा समर्थन करने का ऐलान किया। इन संविदा कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें स्थायी पदों पर समायोजित किया जाए। संविदा कर्मचारियों का अधिकारी सिर्फ शोषण करते हैं।
प्रदेश के लाखों संविदा कर्मचारियों का करीब 50 करोड़ रुपए ईपीएफ का पता नहीं है। कर्मचारियों को कई-कई माह का वेतन नहीं मिलता है। ईपीएफ, ईएसआई के नाम पर फर्जी कटौती कर हेराफेरी की जाती है।
यह लगाया आरोप
संघ के कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि चार वर्ष से वह समायोजन की मांग कर रहे हैं। हर बार चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, श्रम एवं सेवायोजन के मंत्री, प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों से कई बार वार्ता की गई। आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है। यही नहीं कर्मचारियों को काम के अनुरूप वेतन नहीं मिलता है।
विभिन्न पदों पर तैनात संविदा कर्मचारियों को पांच से 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। सम्मेलन के माध्यम से सीएम के नाम संबोधित ज्ञापन भेजा गया।
ये मौजूद रहे
सम्मेलन में पीजीआई से सोनू शुक्ला, धीरज यादव, ज्योति तिवारी, अर्चना, रमा, सूरज, दीप, संघ के अध्यक्ष रितेश मल्ल, महामंत्री सूरज गुप्ता, मनीष, देवेंद्र सिंह, प्रकाश, लोहिया से रणजीत, सच्चिदानंद मिश्रा आदि मौजूद रहे।