पेरिस। पंजाब में स्वास्थ्य देखभाल को लेकर विकेंद्रीकृत व्यवस्था और डायरेक्ट एक्टिंग एंटीवायरल एजेंट (डीएएएस) यानी सीधा असर डालने वाले वायरसरोधी घटक मुफ्त प्रदान करने के प्रावधान से लोगों में हेपेटाइटिस (यकृतशोथ) सी वायरस के संक्रमण में भारी कमी आई है। यह बात एक उच्चस्तरीय अध्ययन की रपट में कही गई है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित इंटरनेशनल लीवर कांग्रेस-2018 में गुरुवार को प्रस्तुत इस रपट में विकेंद्रीकृत व गणितीय विधि के अनुसार बनाए गए जनस्वास्थ्य मॉडल के जरिए बांटे गए जेनेरिक ऑल-ओरल डीडीए रेजिमेन अर्थात वायरसरोधी दवाओं की खुराक के असर व सुरक्षा की पुष्टि की गई है। अध्ययन में हेपेटाइटिस सी वायरस के संक्रमण से करीब 20,000 लोगों का पूरी तरह इलाज होने का जिक्र किया गया है।
चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर राधाकृष्ण धीमान ने कहा कि हमने अपने अध्ययन में बताया है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों की प्रशिक्षित टीम और डीएएएस का इस्तेमाल करके दूर-दूर तक फैली मानव आबादी में एचसीवी संक्रमण से पीडि़त 90 फीसदी से अधिक लोगों का उपचार करना संभव है।