लखनऊ। सात अप्रैल से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान के लिए शुक्रवार को जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई। यह बैठक मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सीएमओ ने बताया कि उन्होंने बताया कि आचार संहिता के कारण पोलियो बूथों का उद्घाटन जनप्रतिनिधियों द्वारा नहीं किया जाएगा बल्कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा पोलियो बूथों का उद्घाटन कराया जाएगा।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पोलियो का खतरा
डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त देश का दर्जा प्राप्त हुआ है और लगातार जागरुकता के साथ यह प्रयास करना है कि पोलियो हमारे देश में दोबारा से ना आने पाए। उन्होंने ने कहा कि भारत के पोलियो मुक्त घोषित हो जाने के बाद भी पोलियो संक्रमित देशों विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पोलियो के पुन: संक्रमण प्रारंभ होने का हमारे देश में भी खतरा बना हुआ है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि 2019 में भी पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में केस निकल चुके हैं। इसलिए हमें विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है।
744256 बच्चों का लक्ष्य
इस बार बूथ का समय सुबह 8 बजे से 4 बजे तक तथा घर-घर टीमों का समय प्रात: 9 बजे से 4 बजे तक रहेगा तथा बी टीम गतिविधि सोमवार 15 अप्रैल को की जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि 7 अप्रैल के पल्स पोलियो अभियान के लिए कुल 744256 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इनके लिए 2783 पोलियो बूथ बनाए गए हैं।
2,000 घर-घर टीमों को लगाया जाएगा
सोमवार से शुक्रवार तक छूटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी जिसके लिए लगभग 2,000 घर-घर टीमों को लगाया जाएगा इसके अलावा 136 मोबाइल टीम भी लगाई गई है। इनकी निगरानी के लिए 567 सुपरवाइजर तथा 16 डिवीजनल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं जो लगातार निरीक्षण का कार्य करते रहेंगे। इस अवसर पर एनपीएसपी से, डॉ. सुरभि त्रिपाठी, यूनिसेफ से डॉ. संदीप शाही, डॉ. सौरभ अग्रवाल भी उपस्थित थे।