लखनऊ। पेशेवर रक्तदाताओं पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। नए फैसले के तहत अब रक्तदाता के लिए किसी भी ब्लड बैंक में व्यक्ति की पहचान के लिए आधार नंबर या अन्य कोई फोटो आई.डी. को दिखाना होगा। औषधि व कॉस्मेटिस्क अधिनियम 1945 के नियम 122 – P (xiii) के अंतर्गत पेशेवर रक्त दाताओं को रक्त दान देने के संबंध में प्रतिबंध है। इस परिपेक्ष्य में डॉ. अनिता भटनागर जैन, अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार व औषधि नियंत्रक भारत सरकार को पत्र भेजा है।
यह होना चाहिए
भेजे गए पत्र में यह बताया गया है कि रक्त बैंक में Schedule F, Part XII B औषधि व कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के अनुसार जो विवरण रखा जाता है उसमें रक्तदान करने वाले का नाम, पता, मोबाइल नंबर, उसके हस्ताक्षर, जिस तारीख को रक्तदान किया गया उसका अन्य विवरण जैसे कि- उम्र, लंबाई, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप, ब्लड प्रेशर, चिकित्सकीय परीक्षण, रक्तदान का बैग नंबर और उक्त मरीज जिसके लिए रक्त दिया जा रहा है यदि यह Replacement donation है, इसके साथ डोनेशन की श्रेणी, Deferral records और मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज के हस्ताक्षर का विवरण रखा जाता है।
प्रतिबंध लगाना संभव नहीं
अपर मुख्य सचिव द्वारा यह इंगित किया गया कि यह सभी जो निर्धारित आवश्यक विवरण है केवल इनके आधार पर पेशेवर रक्तदाताओं पर प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। यदि रक्त दाता पहचान में त्रुटि पूर्ण नाम व पता देता है तो फिर यह पता नहीं लगाया जा सकता है कि रक्तदाता ने कितनी अवधि पूर्व रक्तदान किया था।
ऑनलाइन बायोमैट्रिक सिस्टम होना चाहिए
रक्तदाता और जिस व्यक्ति को रक्त दिया जाना है, दोनों के ही स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि रक्तदान करने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए आधार नंबर या अन्य कोई फोटो आईडी को आवश्यक विवरण में सम्मिलित किया जाए। यह भी सुझाव दिया है कि वास्तव में ड्रग एवं कास्मेटिक रूल, 1945 के तहत पेशेवर रक्त दाताओं पर प्रतिबंध तभी लग सकता है, जब दूरगामी व्यवस्था के रूप में ब्लड डोनर रिकॉर्ड को केंद्रीकृत ऑनलाइन बायोमैट्रिक सिस्टम के रूप में विकसित किया जाए।