लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के पीडियाटि्रक ऑर्थोपैडिक विभाग के प्रो अजय सिंह ने अपनी स्टडी में कहा है कि जन्म से टेढ़े पैर वाले शिशुओं की पहचान अब माता के गर्भ में ही हो जाएगी। इस तरह की दिव्यांगता को क्लब फूट का नाम दिया है। इस महत्वपूर्ण स्टडी को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने संज्ञान में लिया और अब प्रो अजय को व़र्ष 2017 का प्रतिष्ठित हरिओम आश्रम एलम्बिक रिसर्च अवॉर्ड फंड देने का निर्णय लिया है।
इसका परिणाम यह होता है कि जन्म के बाद यथाशीघ्र बच्चे के पैरों का उपचार कर उसे हमेशा के लिए सामान्य बनाने में सफलता मिल जाती है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की अध्यक्ष डॉ. जयश्री मेहता ने बताया कि प्रो अजय सिंह को यह एवॉर्ड “To recognized the applied research at field level ( clinical research)” कैटेगरी में प्रदान किया जा रहा है।