सीतापुर। शासन के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बृहस्पतिवार से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पखवाड़ा शुरू हो गया है। इस अभियान का उद्देश्य पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को चिन्हित कर योजना से लाभान्वित किया जाना है। इस संबंध में अधिशासी निदेशक, सिफ्सा द्वारा पहले पत्र जारी किया जा चुका है।
प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान
नोडल अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र शाही ने बताया कि यह अभियान 20 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक चलेगा। जिले का जून तक कुल लक्ष्य 52,351 था जबकि लक्ष्य से अधिक 52,609 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। इस अभियान के दौरान प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि आम लोगों तक इस योजना की विस्तृत जानकारी पहुंच सके।
किश्त की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में
डॉ. शाही ने बताया कि यह योजना गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण को बढ़ावा देने के लिए है। इस योजना के तहत आशा द्वारा लाभार्थी का पंजीकरण फॉर्म भरा जाता है जिसका पंजीयन पीएमएमवीवाई के पोर्टल पर स्वास्थ्य केंद्र के एमसीटीएस ऑपरेटर द्वारा किया जाता है। फॉर्म में कोई त्रुटि न होने पर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधीक्षक द्वारा इसका अनुमोदन किया जाता है इसके बाद राज्य स्तर पर अनुमोदन के बाद किश्त की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है।
ये हैं शर्तें
इस योजना के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं। जैसे कि इस योजना का लाभ सिर्फ पहले बच्चे के जन्म पर दिया जाता है। गर्भधारण करने के 150 दिन के भीतर प्रसव पूर्व जांच के लिए पंजीकरण अनिवार्य है तथा 1000 रुपए की पहली लाभार्थी को मिल जाती है। 2,000 रुपए की दूसरी किश्त 180 दिन के बाद एक प्रसव पूर्व जांच होने पर ही दी जाती है तथा 2,000 रुपए की तीसरी किश्त के लिए बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण होना अनिवार्य है।
लाभार्थी का खाता होना चाहिए
डॉ. शाही ने बताया कि इस योजना के लिए जच्चा-बच्चा कार्ड (एमसीपी कार्ड), आधार कार्ड तथा बैंक अथवा डाक घर में लाभार्थी का खाता होना चाहिए जिसका कि आधार के साथ लिंक होना चाहिए। इस योजना के अंतर्गत प्रसव का सरकारी अस्पताल में होना अनिवार्य नहीं है।