लखनऊ। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 20 जून से 5 जुलाई तक पखवाड़ा चलाया जायेगा। इस सम्बन्ध में अधिशासी निदेशक, सिफ्सा द्वारा प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय कर रहा मूल्यांकन
पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक, सुनील नायर ने बताया कि शासन ने जिले में जनवरी 2017 से 11 जून 2019 तक लाभार्थियीं की संख्या 53,586 निर्धारित की है जबकि इस अवधि में अभी तक 30,422 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। नायर ने बताया कि इस कार्यक्रम का मूल्यांकन प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किया जा रहा है अत: कार्य को समय के अनुसार सम्पादित करना आवश्यक है। इस पखवाड़े का शासन स्तर पर प्रतिदिन समीक्षा एवं मूल्यांकन भी किया जायेगा। पखवाड़े में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन जनपदों को प्रदेश स्तर पर प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा। इसके लिए सभी को मिल जुल कर जिले में काम करना चाहिए ताकि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर पाएं।
पोषण के लिए पांच हजार रुपये
जिला कार्यक्रम प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) विष्णु प्रताप ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए पांच हजार रुपये उनके खाते में दिए दिए जाते हैं। पहली किश्त 1,000 रुपये की गर्भधारण के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने पर, दूसरी किश्त में 2,000 रुपये की 180 दिनों के अन्दर और कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच हो जाने पर व तीसरी किश्त प्रसव पश्चात तथा शिशु के प्रथम टीकाकरण चक्र के पूरा होने पर मिलती है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की यह हैं विशेषताएं हैं
यह योजना केवल गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए है।
धनराशि सीधे महिला के खाते में जायेगी।
वे महिलाएं जो 1 जनवरी 2017 से 9 माह पहले गर्भवती हो चुकी हैं अर्थात जिनका पहला बच्चा 1 जनवरी या उसके बाद जन्म लेगा, वे ही इस योजना की लाभार्थी होंगी।
इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी समेकित बाल विकास विभाग/ स्वास्थय विभाग की होगी।
उत्तर प्रदेश ने इसके लिए सिफ्सा को नोडल एजेंसी बनाया है।