लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद बिफरे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इसे तुरंत निरस्त करने की मांग करते हुए इसे तुगलकी फरमान बताया है।
नीति की निंदा
शुक्रवार को बैठक कर परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने सहित बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर से नीति की निंदा की। बैठक में सभी ने कहा कि इसे तत्काल निरस्त नहीं किया गया तो प्रदेश के चिकित्सालय में कार्यरत सभी पैरामेडिकल कर्मी आंदोलन को बाध्य होंगे। परिषद ने महानिदेशक चिकित्सा स्वस्थ्य से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की।
स्थानांतरण नीति को तत्काल निरस्त किया जाए
परिषद ने कहा कि इस तरह से कर्मियों का सामूहिक स्थानांतरण उचित नहीं और जनता के हित में भी नहीं है। परिषद के नेताओं ने स्वास्थ्य मंत्री व प्रमुख सचिव से मांग करते हुए कहा कि विभाग की ओर से जारी स्थानांतरण नीति को तत्काल निरस्त किया जाए जिससे कि वर्तमान परिवेश में यदि कर्मी आंदोलन करेंगे तो प्रदेश की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यह बैठक बलरामपुर अस्पताल में सुरेश रावत की अध्यक्षता में हुई।
ये पदाधिकारी उपस्थित रहे
बैठक में डिप्लोमा फार्मासिस्ट ऐसोसिएशन के महामंत्री डॉ. केके सचान, नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार, राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव, लैब टैक्नीशियन संघ के महामंत्री बीबी सिंह, कुष्ठ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश यादव, लैब अस्सिस्टेंट ग्राम्य के महामंत्री बीके सिंह, डार्क रूम असिस्टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बीबी दीक्षित समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।