लखनऊ। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में कार्यरत लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के समस्याओं के निराकरण के लिए संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने पांच सूत्री मांग पत्र पर कार्रवाई के क्रम में बुधवार को सचिव चिकित्सा शिक्षा मुकेश मेश्राम की अध्यक्षता में चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक कार्यालय जवाहर भवन में बैठक हुई। बैठक में कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों में प्रदेश महामंत्री सूरज गुप्ता, प्रदेश मंत्री मनीष मिश्रा, प्रदेश मीडिया प्रभारी सच्चिदानंद मिश्रा मौजूद रहे।
बताईं समस्याएं
5 सूत्री मांग पत्र पर वार्ता के क्रम में महानिदेशक एवं सचिव को प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन ना मिलना, कम वेतन, विभिन्न प्रकार का अवकाश ना दिया जाना, आउटसोर्सिंग नियमावली ना होने से एजेंसियों एवं प्रशासन की मनमानी रवैया, आउटसोर्सिंग की नौकरी के नाम पर धन उगाही, पीएफ ईएसआई के नाम पर काटे गए धनराशि जमा न करना आदि समस्याओं से अवगत कराया गया।
सचिव द्वारा संघ को आश्वस्त कराया कि जल्द ही आउटसोर्सिंग की नियमावली तैयार करके प्रदेश में लागू की जाएगी जिससे कर्मचारियों को समय पर उचित वेतन, विभिन्न अवकाश मिलेगा साथ ही एजेंसियों की मनमानी पर रोक लगेगी।
फर्म की शिकायत मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई
समायोजन की मांग पर सचिव ने कहा कि ऐसी किसी प्रकार की कोई नीति नहीं है। वेतन बढ़ोतरी के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के न्यूनतम वेतन अधिनियम में श्रम विभाग द्वारा संशोधन किए जाने की बात की है। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध किए गए सेवा प्रदाता फर्म की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।
सचिव ने कि कर्मचारियों को हर माह की 5 तारीख को वेतन दिया जाना सुनिश्चित कराया जाए। साथ ही जिस एजेंसी की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उक्त बैठक में संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने सचिव एवं महानिदेशक का धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया।