लखनऊ। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी अब आर-पार के मूड में हैं। बुधवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आह्वान पर 14 फरवरी को प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों पर धरने की घोषणा की गयी। यह फैसला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की हाई पावर कमेटी की बैठक में लिया गया।
बैठक गिरीश चंद्र मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में संपन्न हुई। महामंत्री अतुल मिश्र ने हाईपावर कमेटी में आज लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के हर जनपद मुख्यालय पर 14 फरवरी को होने वाले धरने में प्रांतीय स्तर के पदाधिकारी पर्यवेक्षक नामित किये गये हैं। इनके पर्यवेक्षण में धरना संपन्न होगा।
आवश्यक सेवाएं भी रहेंगी बाधित
गौरतलब है कि 21 व 22 फरवरी को संयुक्त परिषद प्रदेश व्यापी हड़ताल का ऐलान पहले ही कर चुका है। इस दौरान आवश्यक सेवाएं बाधित रहेंगी। बैठक में संगठन प्रमुख केके सचान, महामंत्री अतुल मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील यादव, ज्ञान चतुर्वेदी, सर्वेश पाटिल, सचिव डॉ. पीके सिंह, सतीश यादव उपस्थित रहे। महामंत्री ने बताया कि कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रांतीय पदाधिकारियों की 4 टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें 20 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रत्येक जिलों में भ्रमण कर जनजागरुकता अभियान चलाएंगे।
इसलिए लिया फैसला
अतुल मिश्र ने बताया कि 8 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न मांगों पर लिये गये निर्णयों तथा फार्मेसिस्ट, एलटी, ऑप्टोमेट्रिस्ट, लेखा सहित अन्य संवर्गों की वेतन विसंगति रिपोर्ट पर कार्यान्वयन डेढ़ साल से लंबित है, इसके अलावा अनेक संवर्गों व संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हितों के लिए बनाई गई कमेटी की नियमित बैठक तक नहीं हो रही है। इसके अलावा कर्मचारी कल्याण निगम से जीएसटी मुक्त सामान का निर्णय व एसीपी में अतिउत्तम की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है।