लखनऊ। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नाराज फार्मासिस्ट डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले स्वास्थ्य महानिदेशालय का गुरुवार (15 नवंबर) को घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। संघ के प्रवक्ता और राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि धरने में सभी जनपदों के फार्मासिस्ट शामिल होंगे और पहले किए गए समझौतों, निर्णयों और अन्य मांगों पर निर्णय लेकर शासनादेश लागू किया जाए। वहीं संघ ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करते हुए फार्मासिस्ट संवर्ग की लंबित मांगों पर कार्रवाई की मांग की है।
यह बताया गया कारण
संघ के महामंत्री केके सचान ने बताया कि संघ की वेतन विसंगति की रिपोर्ट लगभग डेढ़ वर्ष से शासन में लंबित है। इसके चलते सम्मानजनक वेतन नहीं मिल रहा, भत्तों का वर्षों से पुनरीक्षण नही हुआ। महानिदेशालय के प्रस्ताव के बाद भी संवर्ग के पदों का पुनर्गठन नही हो रहा, कार्य और आवश्यकता के अनुसार मानक नही बन रहे, पदों का सृजन लंबित है, ट्रामा सेंटरों में अभी तक फार्मासिस्ट के एक भी पद सृजित नहीं हुए, उच्च पदों का सृजन भी नही हो रहा है, जिससे पदोन्नति नही हो पा रही है और नियुक्ति प्रक्रिया भी बाधित है।
महानिदेशालय के पास सही सूचना नही
सुनील यादव ने बताया कि अभी फार्मासिस्ट के 500 से अधिक पद खाली हैं जबकि महानिदेशालय के पास सही सूचना नही है। नवनियुक्त फार्मासिस्ट उच्च न्यायालय के आदेश में पुरानी पेंशन योजना के हकदार हैं परंतु उन्हें नई पेंशन योजना में रखा जा रहा है, लगभग 4000 से अधिक नवनियुक्त फार्मासिस्ट के नाम वरिष्ठता सूची में नही जोड़े गए जो सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत जुड़ जाने चाहिए थे।