अलीगढ़। मधुमेह छोटे बच्चों, युवाओं एवं सभी उम्र के महिला-पुरुषों को समान रूप से प्रभावित करती है। इसका मुख्य कारण श्रम में कमी, अत्यधिक तनाव, आरामतलबी, जीवन चर्चा, तले-भुने पदार्थों का अधिक सेवन आदि है।
मधुमेह के प्रति फैल रहीं भ्रांतियों को प्रदर्शित किया
यह विचार बायोटैक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आरके शर्मा ने विश्व मधुमेह दिवस पर हुए कार्यक्रम में व्यक्त किये। बुधवार को मंगलायतन विश्वविद्यालय के बायोटैक्नोलॉजी विभाग में मधुमेह दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्रों ने पोस्टर के माध्यम से मधुमेह के प्रति फैल रहीं भ्रांतियों को प्रदर्शित किया। उनके लक्षण, बचाव के उपाय आदि भी पोस्टर पर प्रदर्शित किये।
जीवन शैली में बदलाव लाकर डायबिटीज से बचा जा सकता है
फार्मेसी के प्रिंसिपल प्रो. लाल रत्नाकर ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार वर्ष 2025 तक मधुमेह रोगियों की संख्या 55 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। प्राध्यापिका सोनी सिंह ने कहा कि जीवन शैली में बदलाव लाकर भी डायबिटीज से बचा जा सकता है। मुदित श्रीवास्तव ने कहा कि नियमित भोजन और व्यायाम करना चाहिए। कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि स्वास्थ्य रैली के माध्यम से जनता को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए।
ये थे मौजूद
इस अवसर पर कुलसचिव अजीत सिंह ने छात्रों की प्रतिभा की सराहना करने के साथ ही इस दिवस से जुड़े प्रश्न भी पूछे। इस दौरान ज्वाइंट रजिस्ट्रार, सहायक कुलसचिव राजेश उपाध्याय, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. रंजना तिवारी, दीपा अग्रवाल, डॉ. ब्रजेश शर्मा, जामिया फिरदौस, तानचा सिंह, उमेश चन्द शर्मा, हरीश सारस्वत आदि मौजूद रहे। छात्र योगेश ,अंशिका, असमा, जुबेरिया, रुश्दा, मन्तशा, नीलम ठाकुर, चन्द्रमोहन आदि ने इस कार्यक्रम में सहयोग किया।