लखनऊ। बुधवार को संजय गांधी पीजीआई में एक समारोह के अन्तर्गत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा कोल इण्डिया लि. के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। जिसके अंतर्गत थेलेसीमिया रोग से पीडि़त बच्चों के बोनमैरो प्रत्यारोपण के लिए कोल इण्डिया लि 2 करोड़ का अनुदान देगा, जो 20 बच्चों के इलाज मे΄ व्यय किया जायेगा।
ये थे मौजूद
यह हस्ताक्षर तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के समक्ष समारोह में किया गया। समारोह में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की वरिष्ठ सलाहकार विनीता श्रीवास्तव, यूपी के डीजी मेडिकल हेल्थ चिकित्सा स्वास्थ्य डा केके गुप्ता, एके पाण्डेय, मुख्य प्रबन्धक कोल इण्डिया लि के संग अन्य अतिथि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में उपस्थित संस्थान के निदशक प्रो. राकेश कपूर ने कोल इण्डिया के सीएसआर परियोजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज के स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता का एक सशक्त कदम है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने थैलेसीमिया रोग के उन्मूलन के लिए सशत कदम उठायें हैं। इसके अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम जागरुकता अभियान तथा अनुवंशिक निदान के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम चल रहा है।
थैलसीमिया रोग एक अनुवंशिक रोग
इस कार्यक्रम का विा सहयोग प्रदेश के एनएचएम कार्यक्रम के अंतर्गत दिया जा रहा है। इसमें थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों को नि:शुल्क रक्त अधान तथा आईरन सेलेशन थेरेपी दी जा रही है। थैलसीमिया रोग एक अनुवंशिक रोग है तथा केवल बोनमैरो प्रत्यारोपण ही एक मात्र उपचारात्मक माध्यम है। कोल इण्डिया अपने सीएसआर कार्यक्रम के अन्तर्गत थैलेसीमिया रोगों से पीडि़त बच्चों के बोनमैरो प्रत्यारोपण के लिए प्रति बच्चे को 10 लाख का अनुदान देगा। यह धनराशि भारत के पांच चिकित्सा केन्द्रों को दिया जा रहा है जोकि बोनमैरो प्रत्यारोपण करते हैं।
प्रति बच्चे को 10 लाख की मदद
संजय गांधी पीजीआई का हेमैटोलॉजी विभाग थैलेसीमिया रोग के निदान व चिकित्सा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। भारत सरकार के उपक्रम कोल इण्डिया ने निर्णय लिया कि पीजीआई के हेमैटोलॉजी विभाग को भी जोड़ा जाये। इस तरह पीजीआई भारत का छठा ऐसा केन्द्र है जिसमें थैलेसीमिया पीडि़त गरीब बच्चों के रत मज्जा प्रत्यारोपण के लिए प्रति बच्चे को 10 लाख की मदद दी जायेगी। यहां पर चल रहे थैलेसीमिया प्रबंधन के कार्यक्रम को प्रदेश में बोनमैरो प्रत्यारोपण करने वाला एक मात्र संस्थान पीजीआई है जो अब तक 90 प्रत्यारोपण कर चुका है व इसके परिणाम किसी भी अच्छे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हैं।
आशुतोष टंडन ने की प्रश΄सा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने पीजीआई तथा विशेषकर हेमैटोलॉजी विभाग में चल रहे कार्य एवं शोध की प्रश΄सा की। इस कार्यक्रम में थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चे तथा एमओयू हस्ताक्षर के पश्चात तीन जन व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का समापन इण्टर एक्टिव सेशन से हुआ जिसमें मंत्रालय के उच्च अधिकारी, थैलेसीमिया विशेषज्ञ, थैलेसीमिया वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य तथा थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों के परिवार के मध्य रहा।