डेस्क। खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने शुक्रवार को कहा कि एक अमेरिकी एनजीओ द्वारा भारत में बोतल बंद पेयजल में सूक्ष्म प्लास्टिक के संदूषण के बारे में जो कहा गया है उससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसमें स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाली ऐसी कोई चीज नहीं मिली है। एफएसएसएआई के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमने बोतलबंद पेयजल में सूक्ष्म प्लास्टिक संदूषण की रिपोर्ट पढ़ी और उस पर चर्चा की। प्रथम दृष्टया इसमें कोई खतरनाक चीज नहीं है क्योंकि अवशिष्ट का सत्र 0.1 हिस्सा प्रति अरब (पीपीबी) है। इससे स्वास्थ्य को खतरा पैदा करने वाली कोई बात सामने नहीं आई है।
शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है।
शोध में 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई। प्लास्टिक के छोटे कण औसतन प्रति बोतल 10.4 पाए गए। प्लास्टिक के सूक्ष्म कण तो 325 कण प्रति बोतल पाए गए।
भारत में 64 किलोग्राम के वजन के स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन छह लीटर पानी पीना चाहिए। दूषित पानी पीने से कई जानलेवा बीमारियां जन्म ले लेती हैं।