लखनऊ। लौकी के आकार को लेकर आपको परेशान रहने की जरूरत नहीं है। लौकी जितनी भी बड़ी क्यों न हो जहरीली नहीं हो सकती है। लौकी शोध पर ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर शिव पूजन सिंह, जिन्हें लौकी पुरुष के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने लौकी की कुल नौ प्रजातियों, जिसमें 7 फीट लम्बी ‘नरेन्द्र शिवानी’ भी सम्मिलित है। काशीफल की चार, परवल की तीन एवं करेले की एक प्रजातियों को विकसित करने के साथ ही लतावर्गीय सब्जियों की उत्पादन तकनीक विकसित करने का श्रेय भी प्राप्त है।
कपोल कल्पित एवं भ्रामक दुष्प्रचार
यह जानकारी उद्यान निदेशक एसबी शर्मा ने दी। प्रो. सिंह ने आक्सीटोसिन इन्जेक्शन से होने वाली लौकी के फलों में एकाएक ‘वृद्धि और उत्पादन’ में बढ़ोत्तरी पर बताया कि यह मात्र कपोल कल्पित एवं भ्रामक दुष्प्रचार है, जिससे लौकी उपभोक्ताओं और लौकी उत्पादक किसानों दोनों के हितों को कुप्रभावित किया है। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि इन्जेक्शन की सुई से कोई भी तरल पदार्थ लौकी के फलों या तनों में प्रविष्टि नहीं होता।
लौकी से परहेज तो नहीं करते ?
कई लोग सब्जियों में लौकी खाना पसंद नहीं, करते और इसे खाने से हमेशा बचते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि लौकी आपके आलस के दूर करने के साथ ही वजन भी कम करती है।
ये हैं लौकी के फायदे
लौकी को हल्की सब्जियों में गिना जाता है। इसे खाने से पेट में भारीपन नहीं रहता, बल्कि यह शरीर में ताजगी बनाए रखने में सहायक है। प्रतिदिन तरोताजा बने रहने के लिए, नमक या मसाले डालकर लौकी का जूस पीना कारगर उपाय है। लौकी का सबसे बड़ा फायदा है, कि यह आपका वजन बहुत जल्दी कम करने में सहायक होती है। इसलिए इसे उबालकर नमक के साथ खाया जाता है, या फिर इसका जूस पिया जाता है। लौकी पाचन संबंधी समस्याओं का उत्तम इलाज है, साथ ही यह एसिडिटी में भी लाभप्रद है। लौकी को अपने भोजन में शामिल करने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है।