डेस्क। शोध के अनुसार मधुमेह की एक नई दवा मोटापा कम करने में यह दवा उस यौगिक की तरह काम करती है जो भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के अनुसार सक्रिय होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि सेमाग्लूटाइड की रासायनिक संरचना शरीर में इंसुलिन का स्राव करने वाले तथा भूख को नियंत्रित करने वाले ग्लूकागन लाइक पेप्टाइड-1, जीएलपी-1 हार्मोन से काफी मिलती है।
वजन कम करने के एक अध्ययन में ऐसे मोटे लोगों को सेमाग्लूटाइड दिया गया, जिन्हें मधुमेह की शिकायत नहीं थी। इस दौरान चमत्कारिक रूप से किसी दवाई की सहायता से पहली बार सबसे ज्यादा वजन कम हुआ। शोध में शामिल लोगों को सात समूहों में बांटा गया, जिनमें पांच समूहों को अलग-अलग मात्रा में सेमाग्लूटाइड दिया गया। छठे समूह को प्लेसबो तथा सातवें समूह में प्रति व्यक्ति तीन मिलीग्राम मधुमेह की दवाई लिराग्लूटाइड दी गई। एक साल बाद सेमाग्लूटाइड लेने वालों का वजन प्लेसबो लेने वालों की तुलना में तेजी से कम हुआ। जिसने सेमाग्लूटाइट की ज्यादा मात्रा ग्रहण की, उसका वजन भी ज्यादा कम हुआ। लिराग्लूटाइड लेने वालों में उनके शरीर का 7.8 फीसदी वजन कम हुआ, जबकि प्लेसबो लेने वाले समूह का वजन मात्र 2.3 फीसदी कम हुआ।