संचारी रोग नियंत्रण को 75 LED वन एवं सांस्कृतिक दलों द्वारा 617 ग्रामों को किया जागरूक
लखनऊ| लोक बंधु राज नारायण चिकित्सालय में सोमवार को आज संचारी रोग नियंत्रण माह का उद्घाटन मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिद्धार्थ नाथ सिंह करकमलो द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ में संचारी रोग नियंत्रण माह में एंटी लार्वा तथा साफ सफाई का विशेष अभियान चलाया जाएगा एवं इसमे आशा आंगनवाड़ी द्वारा लोगों को एईएस व जेईएस बचाव के तरीकों के बारे में बताया जाएगा।
कहीं भी यह रोग फैलने न पाए
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि जिस प्रकार भारत ने पोलियो से अधिक सफलता प्राप्त की है, उसी प्रकार जे ई एस तथा ए ई एस के उन्मूलन में भी सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी इस अभियान में विशेष रूप से इस बात का प्रयास करें कि कहीं भी यह रोग फैलने न पाए। इस रोग से बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपचार है |
यह भी कहा
मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण माह में यदि कोई आशा, आंगनवाड़ी या अन्य कर्मचारी /अधिकारी लापरवाही करेंगे तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि आगामी तीन चार महीनों में 108 एंबुलेंस सेवा के ड्राइवर /ऑपरेटर द्वारा यदि किसी भी प्रकार की लापरवाही की शिकायत मिलती है तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा साथ ही कहा संचारी रोग नियंत्रण में जो कि विगत 2 अप्रैल से 16 अप्रैल तक चलाया गया था उसमें विशेष सफलता मिली है ।
7 जिलों के 27 लाख घरों का भ्रमण
आशा ने दस्तक अभियान के अंतर्गत 7 जिलों के 27 लाख घरों का भ्रमण किया है,71,595 वी.एच.एस.एन.सी., मातृ बैठक एवं स्वयं सहायता समूह की बैठक आयोजित की गई । इसमे लगभग 70000 आशा ,एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, नोडल शिक्षकों तथा ग्राम प्रधानों का प्रशिक्षण हुआ है और आयुष डॉक्टरों सहित लगभग 1000 चिकित्सकों को संचारी रोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस अभियान में 33,96,330 बच्चों का जे ई का टीकाकरण भी किया गया है। सभी जनपदों में सघन फॉगिग तथा लार्वीसाइडल स्प्रे किया गया है ।75 LED वन एवं सांस्कृतिक दलों द्वारा 617 अतिसंवेदनशील ग्रामों में जन जागरूकता अभियान भी चलाया गया है। संचारी रोग नियंत्रण माह के द्वारा जे ई एस एवं ए ई एस के प्रकोप को कम किया जा सकेगा।
व्हीलचेयर का वितरण
उन्होंने बताया कि गोरखपुर में बच्चों की जो मृत्यु होती हैं ,उसमें काफी संख्या ऐसे बच्चों की होती है जो निक्कू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट ) में भर्ती होते हैं ,यह वह बच्चे होते हैं जो कम वजन के अथवा प्रीमैच्योर पैदा होते हैं ।इन बच्चो की मृत्यु को जे ई एस /ए ई एस मे शामिल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये बच्चे प्रि मैच्योर तथा कम वजन के पैदा होते हैं। लोक बंधु राज नारायण चिकित्सालय के प्रांगण में वृक्षारोपण किया, तथा दो LED वैन एवं चार वेटरनरी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । इसमे 4 दिव्यांग बच्चों उर्ष फातिमा ,उसरा फातिमा, अकुल तथा प्रियंका चौरसिया को व्हीलचेयर का वितरण भी किया।
ये उपस्थित थे
इस अवसर पर दो बैटरी चालित नैप सेक स्प्रे पंपों का वितरण भी किया गया, जिन्हें उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वेक्टर बार्न ,डॉक्टर के पी त्रिपाठी तथा जिला मलेरिया अधिकारी डी एन शुक्ला द्वारा प्राप्त किया गया। इस समारोह में सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य हिकाली झिमोमी, महानिदेशक चिकित्सा एवम स्वास्थ्य डा.पद्माकर सिहं, निदेशक संचारी रोग डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी, निदेशक चिकित्सा उपचार डॉक्टर ए के मिश्रा, सभी बड़े अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक तथा लखनऊ के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी गण तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ,विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी भी उपस्थित थे। http://www.kanvkanv.com