लखनऊ। निजी अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते गर्भस्थ की मौत हो गई जबकि मां की जान आफत में आ गई। यह मामला कृष्णा नगर के निजी अस्पताल का है। परिजनों ने गर्भवती की जान बचाने के लिए दूसरे अस्पताल भागे, तब जाकर उसकी जान बची। पीडि़त परिजनों ने आरोप लगाते इस मामले की शिकायत सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी और सीएमओ से की। इस पर प्रतिनिधि ने अपनी ओर से भी सीएमओ को पत्र भेजकर उचित जांच कर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है।
ऑपरेशन के नाम पर लिए रुपये
सरोजनी नगर के रवि तीन नवंबर को कृष्णा नगर के शान्ति मेमोरियल एंड हेल्थ सोसायटी अस्पताल में गर्भवती पत्नी ज्योति को लेकर जांच कराने पहुंचे। आरोप लगाया है कि पत्नी की तबियत ठीक होने पर भी डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर जबरन भर्ती कर लिया। परिजनों का कहना है कि डॉ. बृजेश सचान व महिला डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी करने की बात कहते हुए प्रसव पीड़ा बढ़ाने के लिए दर्द के इंजेक्शन दिए। डॉ. बृजेश ने अचानक से ऑपरेशन के नाम पर दो बार में 40 हजार रुपए वसूले।
दूसरे अस्पताल में भेजा
परिजनों ने आरोप लगाया है कि रात भर महिला दर्द से तड़पती रही। कोई देखने नहीं आया। अगले दिन सुबह डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया। इस पर रवि पत्नी को लेकर बल्दीखेड़ा की दूसरी डॉक्टर के अस्पताल पहुंचे। यहां अल्ट्रासाउंड कराया तो गर्भस्थ शिशु की मौत होने की जानकारी दी। उसके बाद ऑपरेशन कर मृत गर्भस्थ शिशु को निकाला गया, क्योंकि ज्योति की हालत भी बिगड़ रही थी। पति ने आरोप लगाया जबरन डॉ. बृजेश के अस्पताल में ज्योति को दर्द की ओवरडोज दी गई। इससे ही शिशु की मौत हुई।