लखनऊ। जन्मजात हृदय रोगों की घटनाओं की संख्या समान रही है, लेकिन जागरूकता और इकोकार्डियोग्राफी और एंटिनाटल डिटेक्शन जैसे बेहतर नैदानिक उपकरणों की मदद से अधिक मामलों में शुरुआती चरण में ही बीमारी की पहचान हो जाती है। जन्मजात हृदय रोग के कई मामलों को भ्रूण इकोकार्डियोग्राफर द्वारा सुरक्षित रूप से खत्म किया जा सकता है। भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी भ्रूण और मां के लिए समान रूप से सुरक्षित प्रक्रिया है। इसे साइड इफेट्स के बिना कई बार दोहराया जा सकता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत बाल रोग विभाग और जन्मजात हृदय रोग विभाग के प्रभारी डॉ. नीरज अवस्थी ने बताया कि समय पर इलाज के लिए लक्षणों को पहचानना आवश्यक है, जिसके परिणाम अच्छे होते हैं और बेहतर जीवन को सुनिश्चित करते हैं। अधिकांश मामलों में जिस बच्चे का इलाज सही समय पर हो जाता है उसका जीवन बेहतर होता है। बच्चे को बार-बार पेट दर्द की शिकायत पर बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए योंकि यह दिल की धड़कनों में गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।