एनाटॉमी विभाग के 107 वॉ स्थापन दिवस का हुआ आयोजन
लखनऊ| किंग र्जाज चिकित्सा विश्वविद्यालय ब्राउन हाॅल में एनाटाॅमी विभाग के 107 वें स्थापना दिवस तथा दास एवं हलीम व्याख्यान का अयोजन गुरूवार को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो एमएलबी भट्ट ने कहा कि एनाटाॅमी विभाग का म्यूजियम बहुत ही उत्कृष्ट है इसके अलावा विभाग मेें विभिन्न प्रकार की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का संचालन हो रहा है। विभाग द्वारा एनाटाॅमी के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व किया जा रहा है।
एक वर्ष में 26 पेपर प्रकाशित किया
विभाग के संकाय सदस्यों द्वारा एक वर्ष में 26 पेपर प्रकाशित किया गया है यह बहुत ही काबिले तारीफ है। किंग जार्ज चिकत्सा विश्वविद्यालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा पाॅचवा वां स्थान प्रदान किया गया है जबकि शिक्षण एवं प्रशिक्षण की श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त है। एक विख्यात सर्वे द्वारा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को दूसरा स्थान प्रदान किया गया है। कार्यक्रम में प्रो नवनीत कुमार, विभागाध्यक्ष, एनाटाॅमी विभाग द्वारा विभाग की वार्षिक प्रगति आख्या प्रस्तुत किया गया।
अत्याधुनिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा
प्रो कुमार ने बताया कि विभाग में पीपीटी, इंटरैक्टिव बोर्ड, प्रोजेक्टर, हिस्टोलाॅजी स्लाइड, इंटरनेट एवं सफ्टवेयर के माध्यम से विद्यार्थियों को अत्याधुनिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न प्रकार की अत्याधुनिक रिसर्च लैबोरेटरीज जैसे साइटोजेनिटिक्स एवं टिस्सू कल्चर लैब, माइक्रोएनाटाॅमी, एन्थ्रोपोलोजी लैब, कैडवेरिक स्किल लैब, बाॅडी प्रिजर्वेशन लैब, अल्ट्रासाउण्ड लैब, डिसेक्शन हाॅल का संचालन हो रहा है। विभाग द्वारा कुल 26 प्रकाशन इस वर्ष किए गये है जिसमें 6 राष्ट्रीय एवं 20 अंतर्राष्ट्रीय है।
2640 बाॅडी डोनेशन रजिस्ट्रेशन
विभाग में अब तक कुल 2640 बाॅडी डोनेशन रजिस्ट्रेशन हुए जबकि वर्तमान वर्ष में अब तक 155 बाॅडी डोनेशन रजिस्ट्रेशन हो चुके है। बाॅडी डोनेशन अब तक 261, जबकी इस वर्ष 34 हुए है। विभाग द्वारा भविष्य में एन्थ्रोपोलोजी लैब का पुनरूत्थान, टेरैटोलाॅजी लैब की स्थापना, न्यूरोएनाटाॅमी लैब की स्थापना, कैडवेरिक लैब का अत्याधुनिकरण तथा साइटोेजेनिटिक लैब को और अत्याधुनिक करने का प्रस्ताव है। एनाटाॅमी विभाग में प्रत्येक वर्ष 260 एमबीबीएस, 60 बीडीएस, 300 नर्सिंग, 400 पैरामेडिकल साइंस एवं 18 पोस्ट ग्रेजुएट एनाटाॅमी के विद्यार्थियों सहित अन्य लोगो को शिक्षण -प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
चिकित्सा विज्ञान का द्वार एनाटाॅमी से ही
कार्यक्रम में अधिष्ठाता चिकित्सा संकाय, प्रो विनीता दास ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान का द्वार एनाटाॅमी से ही होकर जाता है। विभाग द्वारा एनाटाॅमी की पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की क्रियाकलापों को किया जाता है जो प्रशंसनीय है। कार्यक्रम में प्रो ए हलीम, पूर्व विभागाध्यक्ष एनाॅटमी विभाग ने बताया कि जब हम एमबीबीएस में या बीडीएस में प्रवेश लेते है तब हमारा सबसे पहला अनुभव एनाटाॅमी विभाग से ही होता है उसके उपरांत फिजियोलाॅजी, पैथोलाॅजी आदि कार्यक्रम में प्रो नफीस अहमद फारूकी, विभागाध्यक्ष, एनाटाॅमी विभाग, जेएन मेडिकल काॅलेज, अलिगढ़ मुस्लिम, विश्वविद्यालय द्वारा दास एवं हलीम व्याख्यान दिया गया। प्रो. फारूकी द्वारा अपने व्याख्यान में शरीर के विभिन्न जोड़ों के फ्रैक्चर एवं उनके मूवमेंट पर बात हुई।
8 छात्रों को गोल्ड मेडल और 9छात्रो को सिल्वर मेडल से नवाज़ा
एनाटाॅमी विभाग में प्रत्येक वर्ष 260 एमबीबीएस, 60 बीडीएस, 300 नर्सिंग, 400 पैरामेडिकल साइंस एवं 18 पोस्ट ग्रेजुएट एनाटाॅमी के विद्यार्थियों सहित अन्य लोगो को शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रथम वर्षा के मेडिकल विद्यार्थीयो को एनाटॉमी विभाग के 107वे दिवस पर एमबीबीएस और बीडीएस कर रहे छात्रों में से 8 छात्रों को गोल्ड मेडल और 9छात्रो को सिल्वर मेडल से नवाज़ा गया जिसमे एनाटॉमी विभाग मे बेहतर कार्य कर रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सर्टिफिकेट दे कर सम्मानित किया गया