लखनऊ। मां का पहला दूध बच्चे को अनेक बीमारियों से बचाता है। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है। बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास होता है। उक्त बातें डॉ. इरफानुद्दीन ने राजकीय तकमील उत्तिब कॉलेज एवं चिकित्सालय में कही। यहां के विभाग निस्वां व कबालत के रीडर डॉ. मनीराम सिंह ने स्तनपान सप्ताह में स्तनपान जागरुकता और विभागीय संगोष्ठी का आयोजन किया था। इस दौरान कॉलेज के छात्र-छात्राओं को स्तनपान जागरुकता से संबंधित पोस्टर दिए गए।
दूध न आने पर करें ये काम
कार्यक्रम में बीयूएमएस अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने भी स्तनपान जागरुकता पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. सिंह ने कहा कि माताओं को एक बार में एक तरफ का ही स्तनपान कराना चाहिए। ऐसे भी कई मामले आते हैं कि जब माताओं के स्तनों में पर्याप्त दूध नहीं बन पाता उनको सतावर व सौंफ बराबर मात्रा में लेकर दो-दो चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लेना चाहिए।
ये थे मौजूद
इस दौरान परिसर में मरीजों को स्तनपान से होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। कॉलेज के प्रधानाचार्य व अधीक्षक प्रो. जमाल अख्तर ने निस्वां व कबालत विभाग द्वारा कार्यक्रम की सराहना की। इस दौरान सम्सुलहुदा, जावेद, लाल बिहारी, एहसान, कामरान, आजम अय्यूब, अनीश अहमद, हयात मुहम्मद, सद्दाम, मोहम्मद हुसैन, असरफ, नईम, दानिश, अर्श, तसनीम कौशर और रूसदा शामिल थे।