लखनऊ। स्तन कैंसर को मात दे चुके महिलाओं और पुरुषों का शनिवार को केजीएमयू में सम्मान किया गया। इस दौरान प्रोफेसर (डॉ.) एमएलबी भट्ट ने कहा कि एंडोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा 350 से अधिक लोगों को स्तन कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज मिला है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिशु के जन्म के बाद कम से कम छह माह तक स्तनपान जरूर कराना चाहिए। इससे स्तन कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है। शनिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में लखनऊ स्तन कैंसर सहायता समूह आरंभ हुआ।
इलाज में न करें देरी तो बेहतर
उन्होंने कहा कि भारत में 1.5 लाख लोगों को, विशेषकर महिलाओं को स्तन कैंसर प्रति वर्ष होता है। बिना देर किए जांच और इलाज से स्तन कैंसर को मात दिया जा सकता है। केजीएमयू इंडोक्राइन सर्जरी के प्रमुख डॉ. आनंद मिश्रा ने ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप की बैठक में कहा कि स्तन कैंसर के प्रति जागरुकता जरूरी है।
60 फीसदी महिलाएं स्तन कैंसर का इलाज देर से कराने पहुंचती हैं और ऐसे में उसके इलाज में परेशानी होती है। डॉ. आनंद मिश्रा ने कहा कि केजीएमयू में स्तन कैंसर से सही हो चुकी महिलाएं अब जागरुकता फैलाएंगी। जिन महिलाओं को स्तन कैंसर हैं, उन्हें सही होने का तरीका और इलाज करने के बारे में बताएंगी।
ये हंै कारण
केजीएमयू के सर्जरी विभाग के पूर्व प्रमुख और पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने लखनऊ स्तन कैंसर सहायता समूह को रुपया 1 लाख का अनुदान दिया। एंडोक्राइन सर्जरी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूजा रमाकांत ने कहा कि स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ाने वाले कारणों में मोटापा, अस्वस्थ्य आहार, शारीरिक व्यायाम या गतिविधियां में कमी, तम्बाकू, शराब का एसेवन है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 5-10 फीसदी कारण जेनेटिक, रजोनिवृत्ति, आदि हैं।
… तो तुरंत कराएं जांच
डॉ. आनंद ने बताया कि स्तन में गांठ, उसके आकार या त्वचा में बदलाव, स्तन से खून निकले, दर्द उठे आदि समस्या हो तो स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसी समस्या हो तो महिलाओं को तुरंत जांच करानी चाहिए। स्तन कैंसर होने के कारणों का अभी स्पष्ट पता नहीं चल सका है, इसलिए इसकी पर्याप्त दवाएं नहीं है।
ग्रुप की महिलाएं करेंगी जागरूक
नियमित व्यायाम, वसायुक्त भोजन न करना और 50 साल की महिलाओं को स्तन कैंसर की नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। इस मौके पर पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. रमाकांत, डॉ. पूजा रमाकांत, डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. कुलरंजन, डॉ. कीर्ति श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। केजीएमयू के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग से स्तन कैंसर का इलाज कराने के बाद सही हो चुकी महिलाओं का ग्रुप बनाया गया है जो कि एक साझा मंच से अन्य पीडि़ताओं को स्तन कैंसर के इलाज और बीमारी से बचाव के तरीके बारे में बताएंगी। इस ग्रुप में अभी 14 महिलाएं जुड़ चुकी हैं।