लखनऊ। जुड़वा नवजात को मालूम ही नहीं कि उनके साथ क्या हो गया। एक तरफ तो भगवान ने मां का साया छीन लिया तो दूसरी ओर पिता ने भी हाथ नहीं थामा। मां जैसी कही जाने वाली मौसी ने भी साथ देने से मना कर दिया।
इलाज के दौरान मौत
क्वीन मैरी हॉस्पिटल के सामने सोमवार को एक औरत नवजात जुड़वा बच्चियों को लेकर बैठी थी। बच्चों की नाड़ी भी नहीं कटी थी। बताया गया है कि रविवार देर रात बाराबंकी से जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद गंभीर हालत में सुमन (30 वर्षीय) को क्वीन मैरी अस्पताल लाया गया। सुमन की हालत बेहद नाजुक थी। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सुमन की मौत ने उसकी बच्चियों को अनाथ कर दिया। नवजात की मौसी जुड़वा बच्चियों को लेकर क्वीन मैरी के मेनगेट के पास ही बैठी थी।
बच्चियों की देख रेख नहीं कर सकते
मौके पर मौजूद पिता और मौसी ने बच्चे को अपने साथ ले जाने से साफ मना कर दिया। पिता का कहना है कि कि वह गरीब परिवार से हैं और दौरा भी पड़ता हैं। ऐसे में बच्चियों की देख रेख नहीं कर सकते। बच्चियों के परिजन मौका पाते ही वहां से भाग निकले। इस मामले के संज्ञान में आते ही मौके पर पहुंचे दिव्य सेवा फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनकी हालत नाजुक थी लेकिन इलाज मिलने से उनकी हालत स्थिर है।
अधिकारी ने यह कहा
क्वीन मैरी हॉस्पिटल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसपी जैसवार की मानें तो रात लगभग 2 बजे सुमन नाम की महिला जिसकी उम्र 30 साल थी अस्पताल आई थी। उन्होंने बताया कि सुमन ने बच्चियों को कहीं बाहर ही जन्म दिया था। हालत बिगडऩे के बाद परिजन उसे क्वीन मैरी अस्पताल लेकर आए।
लेकिन सुमन को खून की कमी हो गई थी जिससे उसका दिल फेल हो गया, सांस फूलने लगी और उसके फेफड़ों में पानी भर गया था जिस कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।