उन्नाव। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत अब स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित टीमों की निगरानी मोबाइल एप के माध्यम से होगी। यह एप हर बच्चे का लेखा-जोखा रखेगा। इस एप के लिए जिले में चिकित्सकों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
पूरी रिपोर्ट एप पर अपलोड करनी होगी
आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस एप को लागू करने का मुख्य उद्देश्य आरबीएसके के प्रदर्शन में सुधार लाना है। मोबाइल हेल्थ टीम मौके पर जाये बगैर अपनी रिपोर्ट नहीं लगा सकेगी। टीम को बच्चे की फोटो के साथ में पूरी रिपोर्ट एप पर अपलोड करनी होगी। डॉ. सिंह ने बताया कि ब्लॉक पर काम करने वाली मोबाइल हेल्थ टीमें अपने काम का सारा विवरण सीधे प्रशासन को भेज सकेंगी। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी व शासन स्तर के अधिकारियों के मोबाइल पर भी यह एप होगा जिससे कि वे टीमों का विवरण देख सकेंगे।
कोई बच्चा इलाज से वंचित नहीं रहेगा
डॉ. सिंह ने बताया कि टीम दो दिन पहले स्कूल के प्रधानाध्यापक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने आने की सूचना देगी। विजिट के दौरान पहुंचने का समय, स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बच्चों और अपनी टीमों का समूह को उसका विवरण व विजिट के बाद निकालने का समय भी अपलोड का सकेगी। इस एप के द्वारा टीम अपने द्वारा चिन्हित बच्चों का लगातार फॉलोअप कर सकेगी, जिसको उन्होंने फील्ड से इलाज के लिए रेफर किया था। कोई भी बच्चा इलाज से वंचित नहीं रह पाएगा।
आरबीएसके एप शुरू
आरबीएसके के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटेर्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) मैनेजर सलमान खान ने बताया कि जिले में आरबीएसके एप चालू हो गया है, इसका उद्देश्य आरबीएसके की परफॉरमेंस में सुधारना है। इस एप में टीम के माइक्रोप्लान के साथ ही 38 प्रकार के रोगों कि जानकारी भी है और टीम को माइक्रोप्लान का शत प्रतिशत पालन करना होगा।
32 मोबाइल हेल्थ टीमें कर रही काम
पूरे जनपद में आरबीएसके की 32 मोबाइल हेल्थ टीमें काम कर रही हैं। प्रत्येक टीम में 2 डॉक्टर समेत 4 लोग शामिल हैं, जो कि बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको खान पान की सही जानकारी देते हैं। टीमों द्वारा बच्चों की जांच कर बीमारियों को एप में दर्ज किया जाएगा। बच्चे किन गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं इसका विवरण भी एप में दर्ज होगा। इससे यह लाभ होगा कि सभी बच्चों का फॉलोअप हो सकेगा, कोई भी बच्चा छूटेगा नहीं।
किया जा सकेगा सुधार
सलमान ने बताया कि नेटवर्क न रहने पर आरबीएसके टीम के डॉक्टर्स व स्टाफ अपनी उपस्थिति व डाटा ऑफलाइन भी दर्ज करा सकेंगे। जैसे ही टीम नेटवर्क एरिया में आएगी सभी डाटा शेयर हो जाएगा। फाइनल अपडेशन से पहले कोई भी गलती होने पर उसमें सुधार किया जा सकेगा। आरबीएसके द्वारा दी जाने वाली सभी 32 मोबाइल वैन में ट्रैकर चिप लगाई गयी है। इस चिप के माध्यम से गाड़ी में चलने वाले चिकित्सकों समेत टीम की हाजिरी आसानी से लगा सकते हैं।