गोंडा। सरकारी दवा की इतनी बुरी दुदर्शा आपने नहीं देखी होगी। नि:शुल्क मिलने वाली दवाइयां खेत में पड़ी मिलीं। यह नया मामला गोंड़ा जिले का है। यहां के रुपईडीह के इटहिया नवीजोत में नि:शुल्क वितरित होने वाली सरकारी दवाइयां बोरियों में बंधी खेत मे पड़ी मिलीं। दवाइयों की कीमत लाखों में बताई जा रही हैं। ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को दी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने टीम बनाकर जांच शुरू करा दी है।
देखने तक भी नहीं गए जिम्मेदार
गुरुवार को इटहिया नवीजोत गांव के पुरब में इकबाल अहमद के खेत के बगल लाखों रुपये की सरकारी दवाइयां बोरियों में पड़ी मिलीं। जिसमें भारी मात्रा में आइरन की टैबलेट, सिरप, ग्लूकोज (ओआरएस) का पैकेट, डिस्पोजल सिरिंज व फाइलेरिया की बीमारी में दी जाने वाली दवा डीईसी (डाई इथाइल कारबमजिन) की टैबलेट मिली। लोगों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। लेकिन जिम्मेदार देखने तक भी नहीं गए। नि:शुल्क लोगों में दी जाने वाली इन दवाइयों के मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जनवरी-फरवरी माह में चले फाइलेरिया कार्यक्रम में वितरित होने वाली डीईसी गोली भी वितरित नहीं कि गई। ऐसे में विभाग ऐसे मुख्य कार्यक्रम में लाखों रुपये का चपत दे रहा है।
इन्होंने यह कहा
बताया जाता है कि समय से लोगों में न बांटने से उसमें कुछ दवाइयां कालातीत भी हो गई हैं। गांव में तैनात एएनएम विनीता पाठक ने बताया कि अभी मेरी नियुक्ति तीन माह पूर्व हुई है। खेत में जो पड़ी दवाइयां मिली है वह मेरी नहीं है। फाइलेरिया कार्यक्रम में डीईसी दवाइयां गांव की आशा बहू को दी गई थी और इटहिया नवीजोत में दो आशा बहू सर्वेश कुमारी व लालमती की तैनाती है।
प्रभारी अधीक्षक ने कही ये बात
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खरगूपुर रुपईडीह के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर जेपी शुक्ला ने बताया कि कुछ दवाइयां मिली हैं जांच टीम बना दी गई है। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को भी दी गई है। जो इसमें दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।