लखनऊ। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के बैनर तले पूरे भारत में दवा दुकानें बंद का असर देखने को मिला। फेडरेशन के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी ने कहा कि सरकार के भेदभाव पूर्वक रवैये की वजह से यह बंदी की जा रही है। दवा व्यापारियों का कहना है कि ई-फॉर्मेसी को बढ़ावा देने से इसका असर सीधे मरीजों पर पड़ेगा। लोग गलत दवाएं मंगा लेंगे।
सरकार कड़ा फैसला ले
वहीं बंद से मरीज और तीमारदार दवा लेने के लिए बाजारों में भटकते रहे। वहीं, सरकारी और निजी अस्पतालों में दवा लेने के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि Online Medicine की बिक्री के लिए सरकार कड़ा फैसला ले। इसकी बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए। इससे कम में समझौता नहीं है।
अस्पतालों में अधिक भीड़
मरीजों के हितों को देखते हुए सरकारी अस्पताल व निजी अस्पताल के अंदर चल रहे मेडिकल स्टोर इस हड़ताल के दायरे में नहीं रहे। इसके बावजूद अस्पतालों में अधिक भीड़ और दवा दुकानें बंद होने का असर दिखा। कई मरीज और तीमारदार दवा लेने के लिए काउंटर पर घंटों खड़े रहे। कुछ लोग तो बिना दवाएं लिए ही लौट गए। कुछ मरीजों को कम दवाएं ही मिलीं। वहीं इमरजेंसी में मरीजों को दवाएं मिलीं।