डेस्क। महिलाओं में आई मेकअप की वजह से मेबॉमीयन ग्लैंड डिसफंक्शन (एमजीडी) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसे गंभीरता से नहीं लेने से आपको ब्लीफेराइटिस, अत्यधिक धूमिल दृष्टि आदि का खतरा हो सकता है।
नार्थ इंडिया में सेंटर फॉर साइट के निदेशक महिपाल सचदेव के अनुसार, आईलाइनर और मेकअप की अन्य चीजें आमतौर पर मीबोमियान ग्लैंड बंद कर देते हैंए जिससे पलकों में दर्द रहित लम्प्स तैयार हो जाते हैं, जिससे दृष्टि में बाधा आती है सचदेव के अनुसार, मीबोमीयन तेल का उत्पादन करते हैं जो आंसुओं को जल्दी से वाष्पन करने से रोकते हैं। जब भी ग्रंथियां ठीक से काम नहीं करती हैं, तो ग्रंथि में रुकावट का कारण यह तेल बनता है। यह तेल कभी-कभी गाढ़ा होता है, जो पलकों में गांठ का कारण बनता है, जिसे चालाजियन के रूप में जाना जाता है।
एमजीडी के मुख्य लक्षणों में आई सिंड्रोम, ब्लीफेराइटिस और दृष्टि के नुकसान आदि शामिल हैं। इस तेल के जमा होने से पलकों में गांठ बन जाती है जिससे ग्रंथियां ब्लॉक हो जाती हैं। यही कारण है कि ऑयल ग्लैंड ब्लॉक होने से इस स्थिति में आपकी पलकें सूजी हुई और लाल नजर आती हैं। गुडगांव स्थित कम्पलीट आई केयर की डायरेक्टर पारुल सोनी के अनुसार, आई मेकअप यूज करने वाली 40 फीसदी महिलाओं में ऑयल ग्लैंड ब्लॉकेज की समस्या देखी जाती है। मस्कारा और आई लाइनर में वही केमिकल्स होते हैं, जो ऑयल ग्लैंड को ब्लॉक करते हैं।
एंटी एजिंग आई क्रीम का तत्व रेटिनॉयड को भी गाढ़ा और खराब तत्व बताया जाता है। इस तरह के मेकअप मीबोमियान ग्लैंड डक्टस में रक्त कोशिकाओं को मारते हैं।
कनाडा विश्वविद्यालय द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार जो लोग पलकों के अंदर आई लाइनर लगाते हैं, उनकी आंखों के दूषित और दृष्टि में परेशानी का खतरा अधिक होता है।