लखनऊ। कुपोषण को मात देने के लिए पोषण माह मनाया जा रहा है। पोषण माह के दौरान आज केन्द्रों पर ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एएनएम द्वारा बच्चों का टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं व बच्चों का वजन लिया गया। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाली महिलाओं व उनके परिवार के सदस्यों के बच्चों को ऊपरी आहार के बारे में जागरूक किया गया। इससे संबन्धित संदेश पोषण पुस्तिका से पढ़कर लोगों को सुनाये गए। यह बातें मोहनलालगंज ब्लॉक की बाल विकास परियोजना अधिकारी सरोज पांडे ने बतायीं। उन्होंने ने कहा कि पोषण माह का दूसरा सप्ताह किशोरी सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है।
हाथों में थीं तख्तियां
उन्होंने बताया कि किशोरी सप्ताह के पहले दिन जहां किशोरी बैठक का आयोजन किया गया वहीं सप्ताह के दूसरे दिन पोषण जागरुकता साइकिल रैली व प्रभात फेरी निकाली गयी। इस अवसर पर बच्चे व 11-19 वर्ष की किशोरियों ने प्रतिभाग किया। उनकी साइकिल में विभिन्न स्लोगन लिखे होने के साथ-साथ तख्तियां भी लगीं थीं। इन तख्तियों पर ‘पोषक तत्व युक्त आहार, बच्चों के स्वास्थ्य का आधारÓ, हमेशा करें संतुलित आहार, श्रेष्ठ आरोग्य रहे हमारा जीवन जैसे स्लोगन लिखे हुये थे।
कुपोषण को दूर करने किया व्यंजनों का प्रदर्शन
सरोज ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य विशेषकर किशोर/किशोरियों को पौष्टिक भोजन के प्रति जागरूक करना था। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार व स्थानीय सब्जियों को मिलाकर पौष्टिक व्यंजन बनाए गए व उनका प्रदर्शन किया गया। पोषाहार में सहजन की पत्तियां मिलाकर पूड़ी, नमकीन दलिया, मठरी, मीठी दलिया व लड्डू बनाए गए। केन्द्रों पर आने वाले लाभार्थियों को इसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया कि सहजन में प्रचुर मात्रा में आयरन, कैल्शियम सहित अन्य पौष्टिक पदार्थ होते हैं। इसके उपयोग से हम कुपोषण को भगा सकते हैं। सरोज ने बताया कि इस तरह के आयोजन जिले के अन्य विकासखंडों में भी हुये।
6 माह के बाद बच्चों को दें ये आहार
गौरा आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री सरिता ने बताया कि हम लोगों ने गृह भ्रमण किया और पोषण पुस्तिका से पढ़कर 6 माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों की माताओं/परिवार के सदस्यों को ऊपरी आहार के संदेश पढ़कर सुनाये कि 6 माह के बाद स्तनपान के साथ बच्चों को मसली हुई दाल, चावल, आलू, केला, सूजी की हलवा या खीर देना चाहिए। बच्चे का खाना बनाते से पहले व उसे उसे खाना खिलाने से पहले हाथ धोने चाहिये। खाना बनाते समय सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।