डेस्क। लिम्फोमा कैंसर के होने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं और श्वेत रक्त कोशिकाएं तेजी से बढऩे लगती है और स्वस्थ कोशिकाओं को काम करने से रोकती है। गले में कैंसर होने के कारण लिम्फ नोड्स बढ़ते हैं, जिससे गले का आकार बढ़ जाता है। कई बार गले के इस बढ़े हुए आकार का आसानी से पता नहीं चलता और न ही किसी तरह का दर्द होता है। अगर यह आकार 3 से 4 सप्ताह से ज्यादा बना रहे तो यह खतरनाक हो सकता है। इस तरह की समस्या दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लिम्फोमा कैंसर के लक्षण
जब कभी किसी के गले में लिम्फ नोड्स कैंसर की शुरूआत होती है तो इसका शरीर के अन्य भागों में बढऩे का खतरा बढ़ जाता है। सबसे पहले पर इसका असर गले के आसपास के अंगों पर दिखाई देता है।
गले में सूजन रहना, गले में खारिश रहना और कान के पास दर्द होना, नाक का ब्लॉक होना, मुंह और होंठ सुन्न होने, दांतों में दर्द होने लगता है और खाना चबाने में मुश्किल होती है, सुनने की शक्ति कमजोर होती है।
अगर समय रहते इसके लक्षणों के बारे में पता चल जाए तो इसे काबू में भी किया जा सकता है। बदलती जीवनशैली इस बीमारी को तेजी से फैला रही है। कैंसर के बहुत सारे रूप हैं, जिसमें से एक लिम्फोमा कैंसर है। यह शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करा है।
गले में इस कैंसर का होना बहुत खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके होने से सांस लेने पर मरीज के बाकी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और यह बाकी के अंगों को भी अपनी चपेट ले लेता है।