लखनऊ। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में सक्रिय टीबी खोज अभियान (एसीएफ) चलाया गया था। इस अभियान में काकोरी टीबी यूनिट ने पहला स्थान हासिल किया है। बता दें कि यह अभियान 18 जून से 29 जून तक चलाया गया था।
24000 लोगों की स्क्रीनिंग
काकोरी टीबी यूनिट ने खोजे गए मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है। बताया गया है कि यूनिट ने 24000 लोगों की स्क्रीनिंग की थी। इसमें 146 संभावित रोगियों का बलगम परीक्षण किया गया। इसमें 13 क्षय रोगियों की खोज की। किसी अन्य यूनिट की बात की जाए तो यह सबसे अधिक है।
इनके नेतृत्व में संचालित किया गया अभियान
गौरतलब है कि वर्ष 2025 तक टीबी के खात्मे के उद्देश्य से राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष कुमार गुप्ता के नेतृत्व में प्रदेश में 18 जून से 29 जून तक (दस दिवसीय) सक्रिय टीबी खोज अभियान एसीएफ की शुरुआत की गयी थी। राजधानी में उक्त अभियान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र अगृवाल, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह के नेतृत्व में संचालित किया गया।
घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान
उक्त अभियान में काकोरी टीबी यूनिट को दिए गांवों में एसीएफ सुपरवाइजर सुजीत कुमार और सुधीर अवस्थी के नेतृत्व में दस टीमों द्वारा घर घर जाकर संभावित टीबी मरीजों की पहचान कर उनके बलगम के नमूनों को इक_ïा किया। इसके बाद टीबी यूनिट के वरिष्ठ टीबी प्रयोगशाला पर्यवेक्षक विजय कुमार मौर्या की निगरानी में लैब टेक्नीशियन विजय प्रकाश द्वारा नमूनों की जांच की गई। जांच में 13 टीबी मरीज की पुष्टिï हुई।
इन्होंने यह कहा
विजय कुमार मौर्या ने बताया गया कि हमने एसीएफ अभियान के उद्देश्य रीच टू अनरीच एवं सरकार के 2025 तक टीबी के खत्मे को ध्यान में रखते हुए सुदूर क्षेत्र के ऐसे संभावित रोगियों तक पहुंचने का प्रयास किया जो कि विभिन्न कारणों से स्वास्थ्य केन्द्र पर अपनी जांच आकर कराने में असमर्थ थे।