लखनऊ। ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम में केंद्र सरकार द्वारा संशोधन के बाद डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश खफा हो गया है। संघ ने विरोध जताते हुए इस संशोधन को वापस लेने की मांग की है। केंद्र सरकार के संशोधन के मुताबिक अभी तक जो दवाएं डॉक्टरों के सलाह पर फार्मासिस्टों को देने का अधिकार था, उसे खत्म कर दिया गया है।
ये दे सकेंगे दवा
एसोसिएशन के महामंत्री श्रवण सचान ने कहा है कि अधिनियम में संशोधन के बाद अब डॉक्टर द्वारा पर्ची पर लिखी गई दवाई को आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नर्स और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भी दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि फार्मेसी एक्ट के तहत डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा को सिर्फ फार्मासिस्ट ही दे सकते हैं। कोई दूसरा दवा देता है तो वह दंडनीय अपराध है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा करने से जनता के स्वास्थ्य के खिलवाड़ होगा।
आंदोलन की चेतावनी
वहीं प्रान्तीय कोषाध्यक्ष रजत यादव ने बताया यदि केंद्र सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो जल्द ही एक देशव्यापी आंदोलन देश के विभिन्न फार्मासिस्ट एसोसिएशन मिल कर करेगी। उन्होंने बताया कि डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा करेगी।