लखनऊ। प्रदेश में भी अब विदेश की तर्ज पर महिला अस्पतालों में भी गर्भवतियों की डिलीवरी के समय महिला बर्थ कम्पेनियन की सुविधा मिलेगी। इसमें डिलीवरी के समय लेबर रूम में एक महिला रिश्तेदार को अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। इस तरह की सुविधा शुरू होने से नार्मल डिलीवरी को भी बढ़ावा मिलेगा। एनएचएम की ओर से इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी को बढ़ावा देने के लिए इस बर्थ कम्पेनियन की शुरुआत की जा रही है।
ऐसा है नियम
लेबर रूम महिला रिश्तेदार को अंदर जाने के लिए यह देखा जाएगा कि महिला रिश्तेदार शादीशुदा हो और उसका बच्चा भी हो। वहीं अगर किसी गर्भवती के साथ कोई भी महिला रिश्तेदार न हो तो ऐसी स्थिति में महिला के पति को लेबर रूम जाने की इजाजत होगी। एसीएमओ डॉ. अजय राजा ने बताया कि बर्थ कम्पेनियन का शासनादेश सारे जिला अस्पताल और सीएचसी और बाल महिला चिकित्सालयों में जारी कर दिया गया है।
भावनात्मक सहारा
बर्थ कम्पेनियन अमेरिका में काफी समय से चल रहा है। प्रसव के समय लेबर रूम में किसी महिला अटेंडेंट के रहने से गर्भवतियों को भावनात्मक सहारा मिलता है। रिश्तेदार के साथ एक अच्छा तालमेल होता है। वहीं नॉर्मल डिलीवरी में जब दर्द उठता है तो ऐसे में घर का कोई रिश्तेदार अगर महिला को हिम्मत दे तो उसे काफी सहारा मिलता है। बता दें कि राजधानी के लास्ट रेफरल सेंटर क्वीन मेरी अस्पताल में बर्थ कम्पेनियन की सुविधा वीआइपी लेबर रूम थ्री में है।