लखनऊ। कुष्ठ रोग किसी भी आयु में स्त्री व पुरुष को भी हो सकता है। यह जानना जरूरी है कि हर सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है। यह संदेश दिया गया स्पर्श दिवस के अवसर पर। जिलेमें बुधवार को स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान की शुरुआत हुई जो कि 13 फरवरी तक चलेगा।
अधिकारियों ने यह कहा
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में कुष्ठ रोग की जागरुकता के लिए संदेश पढ़ा गया। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी 30 जनवरी को स्पर्श दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिला कुष्ठ रोग कार्यालय, सभी चिकित्सा केन्द्रों, विकास खंडों व ग्राम सभाओं में ग्राम प्रधान की ओर से यह संदेश पहुंचाया गया है।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. पीके अग्रवाल ने बताया कि हर सफेद दाग का मरीज कुष्ठ रोगी नहीं होता है। जब तक कि दाग में सुन्नता न हो। कुष्ठ रोग पूर्णतया साध्य है। इसका मुफ्त इलाज सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। जल्द जांच समय पर इलाज करने से इस रोग से मुक्ति मिल सकती है और विकलांगता से बचा जा सकता है।
फुटवियर व सेल्फ केयर किट का वितरण
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जिले में 15 फरवरी से 28 फरवरी तक कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाया जाएगा। इसमें आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उन्हें संदर्भित करेंगे। इस काम के लिए लगभग 5300 टीमें लगायी गयी हैं। लखनऊ जिले में पिछले खोजी अभियान में 211 नए कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं जिनका इलाज चल रहा है।
साथ ही आशा को प्रोत्साहन राशि के रूप में केस चिन्हित करने पर 250 रुपये तथा पीबी (पौसी बैसीलरी) केस के पूरे इलाज के बाद 400 तथा एमबी (मल्टी बैसीलरी) केस के पूरा इलाज के बाद 600 रुपये दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को बरगावां कुष्ठाश्रम में रोगियों को 6 डिब्बे फुटवियर व सेल्फ केयर किट का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. एसके सक्सेना, डॉ. राजा, डॉ. अनिल कुमार दीक्षित, डॉ. केपी त्रिपाठी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी व कार्यालय के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
लेप्री से फैलता है कुष्ठ रोग
कुष्ठ रोग बहुत ही कम संक्रामक रोग है जो कि रोगाणु माईकोबेक्टेरियम लेप्री के कारण होता है। यह मुख्य रूप से चमड़ी और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता है तथा औसतन तीन वर्ष में इसके लक्षण दिखाई देते हैं।
इससे रहें सतर्क
त्वचा पर दाग, दाग में सुन्नता, दाग में जलन, चुभन, आंखों में कमजोरी, नसों में सूजन, मोटापन या दर्द, चेहरे, शरीर और कान पर गांठें, छाले और घाव जिसमें दर्द न हो, हाथ व पैरों में विकृति हो।