लखनऊ। केजीएमयू रैगिंग मुक्त परिसर है। यहां पर रैगिंग के लिए हाल ही में कई छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस बात का भी पूरा प्रयास किया जा रहा है कि भविष्य में भी रैगिंग की कोई भी संभावना न हो।
यह बातें केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कही। वे शनिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दन्त संकाय द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर रैगिंग की संभावनाओं को कम करने के लिए एण्टी रैगिंग पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
समय-समय पर निरीक्षण
कुलपति ने बताया कि रैगिंग रोकने के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय में कई कमेटियों का गठन किया गया है। इसके साथ ही प्रोक्ट्रोरियल बोर्ड है जो समय-समय पर निरीक्षण करता रहता है। उन्होंने बताया कि प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को रैगिंग व अन्य असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी की जाती है।
इस अवसर पर एक्सेक्यूटिव कमेटी मेंबर डेंटल काउंसिल ऑफ इण्डिया के डॉ. एसके कठारिया ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस विषय में स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन शिक्षा संस्थानों में रैगिंग की घटनाओं के स्पष्ट सबूत मिलते हैं उन्हें दण्डित किए जाने का प्राविधान है। ऐसी संस्थाओं की मान्यताएं रद्द की जा सकती है।