लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अटल बिहारी बाजपेई साइंटिफि क कन्वेंशन सेन्टर लखनऊ में सुपोषण स्वास्थ्य मेला और पोषण अभियान का शुभारम् भ किया। पोषण अभियान उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में चलेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ बनाना है। इसके लिए टीम भावना से काम करें और प्रदेश से कुपोषण को मिटाना है।
वर्तमान और भावी पीढ़ी को बलवान बनाना है
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये इस अभियान के माध्यम से वर्तमान और भावी पीढ़ी को बलवान बनाना है। स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करना है तो स्वच्छता को भी अपनाना होगा। प्रदेश के छह विभागों ने मिलकर काम करना शुरू किया है। अलग-अलग अपनी जि मेदारी लें। प्रदेश की समस्याएं और चुनौतियां भी हैं लेकिन जब हम टीम भावना के साथ काम करते हैं तो समस्याएं कम हो जाती हैं।मु यमंत्री ने कहा कि पोषण अभियान के जरिए अपनी वर्तमान व भावी पीढ़ी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। भारत को वास्तव में सशक्त होना है तो उसका रास्ता स्वास्थ्य से होकर जाएगा।
शासन की योजनाएं नीचे तक पहुंचायी जायें
उन्होंने कहा कि स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल और जागरूकता का अभाव वेक्टर बार्न डिजीज पैदा करता है। स्वच्छता के साथ स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो ये जरूरी है। शासन की योजनाएं नीचे तक पहुंचायी जायें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होगा तो कोई कुपोषण का शिकार नहीं हो सकता। कोई शिक्षा से वंचित नहीं हो सकता। मु यमंत्री ने कहा कि स्कूल चलो अभियान का परिणाम है कि एक करोड़ सतत्तर लाख बच्चों का इस बार बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में दाखिला हुआ है। उत्तर प्रदेश बड़ा प्रदेश है। इसकी अपनी चुनौतियां हैं।
इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 38 जिलों को केन्द्र में रखा
इंसेफेलाइटिस के मूल कारण में जाना होगा। इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 38 जिलों को केन्द्र में रखा गया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले साल गोरखपुर मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस से मरने वालों की सं या 200 से ज्यादा थी। वहीं इस बार इंसेफेलाइटिस से मौतों की संख्या 10 से भी कम मिली है।
छह साल तक के बच्चों के पोषण में सुधार लाना है
इस मौके पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि पोषण अभियान का मकसद छह साल तक के बच्चों के पोषण में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से निपटना किसी एक विभाग की जि मेदारी नहीं है। कुपोषण को मिटाने के लिए जन भागीदारी जरूरी है। प्रदेश के 40 जिले चिन्हित किये गये हैं जहां बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। सबरी अभियान चलाकर जिलों को चिन्हित किया गया है। छह विभाग मिलकर प्रदेश से कुपोषण को दूर करेंगे।