लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने स्वास्थ्य विभाग में विगत 28 जून को पैरा मेडिकल कर्मचारियों के स्थानान्तरण में हुए भ्रष्टाचार, गड़बडिय़ों, नियमों की अनदेखी व स्वास्थ्य भवन में हुए गोली कांड के लिए स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव रमेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में गठित जांच समिति पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने अवगत कराया कि उन्होंने स्वयं जांच कमेटी के अध्यक्ष रमेश कुमार त्रिपाठी को समस्त साक्ष्यों सहित पैरा मेडिकल कर्मचारियों के स्थानान्तरण में भारी पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार, लेनदेन एवं अनियमितताओ΄ से अवगत कराया था।
कोई कार्रवाई नहीं हुई
समिति के अध्यक्ष ने 3 दिन में जांच रिपोर्ट पूरी कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था परन्तु अब एक माह से भी अधिक का समय व्यतीत हो गया है और दोषियों के खिलाफ न ही कोई कार्रवाई हुई और न ही गलत किये गये स्थानान्तरण रोके ही गये। महानिदेशालय अब भी पिक एंड चूज के आधार पर लेनदेन के बाद मनमाने ढंग से स्थानान्तरण रोकने एवं निरस्त करने के खेल में व्यस्त है एवं वह कर्मचारी परेशान हो रहे हैं जो उनकी मांग पूरी नहीं कर सकते।
फरियादियों के हाथ लग रही मायूसी
महानिदेशक के पास अब भी दर्जनों फरियादी गलत स्थानान्तरण रोकने की फरियाद लेकर आ रहे हैं लेकिन उनके हाथ केवल मायूसी ही लग रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच समिति केवल ध्यान भटकाने के लिए गठित की गयी थी ताकि समय निकल जाए एवं मामला ठंडे बस्ते में चला जाये और यही हुआ।