लखनऊ। केजीएमयू में भारत का पहला पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग का शुभारंभ किया गया। यह विभाग विभिन्न जन्मजात आर्थोपेडिक विकारों और बाल चोटों से पीडि़त बच्चों को गुणवत्ता और विशेष उपचार प्रदान करने के लिए बनाया गया है। बताया गया है कि इन बच्चों को विशेष सुपर स्पेशिलिटी उपचार एम्स दिल्ली और बड़े सहयोगी अस्पतालों में भी उपलब्ध नहीं है। अब पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स के लिए दो अतिरिक्त विशेष ओपीडी शुक्रवार 15 जून से काम करना भी शुरू कर दिया है। यहां मरीजों को मंगलवार और शुक्रवार को देखा जाएगा।
भर्ती करने की प्रक्रिया भी शुरू
प्रत्येक सप्ताह के हर बुधवार को विशेष पीडियाट्रिक ओपीडी भी शुरू की जाएगी। विभागाध्यक्ष डॉ. अजय सिंह ने बताया कि अगले तीन-चार महीने में वरिष्ठ डॉ. की नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। यहां 30 बिस्तर वाले विभाग जल्द ही जरूरतमंद बच्चों को भर्ती करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
जल्द ही सेरेब्रल पाल्सी क्लीनिक
डॉ. अजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार जल्द ही सेरेब्रल पाल्सी क्लीनिक शुरू करेंगे। इसमें आर्थोपेडिक सर्जन, पुनर्वसन विशेषज्ञ और न्यूरोलॉजिस्ट के साथ इस तरह के बच्चों को देखा जाएगा जिससे कि और बेहतर उपचार किया जा सकेगा। हम इन बच्चों के लिए बोटॉक्स उपचार शुरू करने की भी योजना बना रहे हैं।
यह खास ईलाज भी
डॉ. अजय सिंह ने बताया कि जिन बच्चों का जन्म से ही दिमाग विकास ठीक से ना हुआ हो और ऐसे बच्चों के शरीर में अकडऩ रहती है। ऐसे बच्चों के लिए बोटॉक्स इंजक्शन लगाया जाएगा जिससे कि बच्चे का शारीरिक अकडऩ खत्म होगा और बच्चा सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार भी कर सकेगा। इसकी सुविधा भी बुधवार की ओपीडी में शुरू कर दी जाएगी।