लखनऊ। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदली हुई जीवनशैली से मानसिक बीमारियों की वजह बनती जा रही है। मानसिक रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज के समय में लोग कसरत नहीं करते, पार्क में टहलने नहीं जाते और मोबाइल और कम्प्यूटर पर ज्यादा सेे ज्यादा समय बिताते हैं। फिलहाल लोगों को मानसिक रोगों से बचाने के लिए वेलनेस सेंटर की आवश्यकता है। इसमें तनाव प्रबंधन से लेकर उससे बचाव के उपाए सुझाए जाएं। उक्त बातें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता ने दी।
शरीर की तरह ही मानसिक स्थिति का भी ख्याल रखें
वह सोमवार को कल्याणपुर रोड स्थित निर्वाण मानसिक अस्पताल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,आईएमए व एमिटी विवि के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता माह के तहत आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. पीके गुप्ता ने कहा कि हम शरीर ख्याल रखते हैं इसी तरह मानसिक स्थिति का भी ख्याल रखना जरूरी है। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज पूर्णिमा सागर ने किया। उन्होंने कहा कि अधिकतर विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने के लिए लोक अदालत एक वैकल्पिक मंच है। इसमें वादों को कोर्ट में मुकदमा दायर करने से पहले या बाद में भी लाकर सुलझाया जा सकता है।
एकाकी जीवन से बढ़ी बीमारी
निर्वाण के अध्यक्ष व मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. एचके अग्रवाल ने संयुक्त परिवार और संस्कृति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार में लोग आपस में बात करते हैं। परिवार के सदस्य सुख-दुख में भागीदार होते हैं। अब लोग एकाकी जीवन बिता रहे हैं। इससे बीमारी बढ़ी है। डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने कहा कि शिविर में 100 से ज्यादा मरीजों को सलाह दी गई साथ ही मानसिक रोगों की पहचान व बचाव के बारे में जानकारी दी गई।