लखनऊ। अब अपके बिगड़े हुए दिनचर्या को सुधारने वैज्ञानिक, चिकित्सक और रिसर्चस आपको सलाह देंगे। शनिवार को इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रोनोमेडिसिन के तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन वल्र्ड सोसाइटी ऑफ क्रेनोमेडिसिन का उद्घाटन किया गया। रविवार से केजीएमयू में कार्यशाला की शुरुवात की जाएगी। इसमें देश-विदेश से करीब 500 डेलीगेट्स भाग लेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केजीमसयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट और एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति अब्बास अली मेंहदी बतौर विशिष्ठ अतिथि उपस्थित रहेंगे।
जीवनशैली में बदलाव है कारण
इस दौरान इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रोनोमेडिसिन के जनरल सेक्रेटरी व केजीएमयू फिजियोलॉजी विभाग के डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि बदलती जीवनशैली में काम करने का तरीका बदल गया है। पहले लोग दिन में काम करते थे। अब देर रात तक काम कर रहे हैं। देर रात खाना खाते हैं। नतीजतन खाने को पचने का समय नहीं मिल पाता है। पेट संबंधी दूसरी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ गया है।
विशेषज्ञ देंगे जानकारी
डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि देर रात तक जागने व उसके बाद भोजन करना परेशानियों की अहम वजह है। इससे डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, मोटापा और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रोनोमेडिसिन के तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में विशेषज्ञ दिनचर्या से जुड़ी बीमारियों पर विस्तार से जानकारी देंगे।
ये रहेंगे मौजूद
कार्यशाला में इस साल की क्रोनोमेडिसिन नेशनल फेलोशिप लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर संगीता रानी, केजीएमयू की प्रोफेसर संध्या सिंह एवं ऋषिकेश एम्स के प्रोफेसर रविकांत को प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो. अनुज माहेश्वरी, प्रो. आरबी सिंह व प्रो. सुनीता तिवारी मौजूद रहेंगी।