कानपुर/लखनऊ। राजकीय हृदयरोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) व उससे सटे अन्य तीन अस्पतालों के बाहर सेटिंग-गेटिंग करके अवैध दवा मार्केट का कारोबार चल रहा है। इन दवा की दुकानों में कोई भी मानक नहीं है और खुलेआम टूटी-फूटी दुकानों में रोजाना लाखों रुपयों की बिक्री की जा रही है। निदेशक ने कहा कि सभी अवैध दुकानों को ढहाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा जाएगा।
सुअरों का जमावड़ा
रावतपुर में लक्ष्मीपत सिंहानिया राजकीय हृदयरोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) समेत चार अस्पतालों के गेट के दोनों छोर पर अवैध रूप से दो दर्जन से अधिक दवा स्टोर व दुकानें चल रही हैं। ये दवा दुकानें टट्टर में चल रही हैं, जिनमें दवा को रखने की नियमावली का भी पालन नहीं किया जाता है। इसी तरह संक्रामक रोग अस्पताल के गेट पर बरसों से अवैध ढाबा चल रहा है, जिसकी सारी गंदगी नाली खोदकर अस्पताल परिसर में डाली जा रही है, जिससे न सिर्फ परिसर में सुअरों का जमावड़ा लगा रहता है, बल्कि कई बार सुअर अस्पताल में भी घुस जाते हैं। इन अवैध कब्जों से मरीज व तीमारदारों का आना-जाना दूभर हो गया है। जीटी रोड पर दिनभर जाम की स्थिति रहती है।
जिलाधिकारी को जल्द ही लिखा जाएगा पत्र
रावतपुर में जीटी रोड के किनारे एक श्रृंखला में चार राजकीय अस्पताल चल रहे हैं। इनमें कार्डियोलॉजी, जेके कैंसर संस्थान, मुरारीलाल चेस्ट व संक्रामक रोग अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों में दिल, कैंसर, चेस्ट व स्वाइन फ्लू के गंभीर रोगी आते हैं। इन अस्पतालों के मुख्य द्वारों के बाहर बाउंड्री से सटी दो दर्जन अवैध दवा स्टोर व अन्य दुकानें चल रही हैं। कॉडियोलाजी निदेशक डॉ. विनय कृष्ण ने रविवार को बताया कि अस्पताल परिसर के बाहर कई दुकानें अवैध तरीके से चल रही हैं और कई जगह अवैध कब्जे भी हैं। जिसको हटाने के लिए जिलाधिकारी को जल्द ही पत्र लिखा जाएगा और किसी भी सूरत में अब यहां पर अवैध कब्जे नहीं रहने पाएंगे।