लखनऊ। कोलकाता होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. रजत चटोपाध्याय ने बताया कि उच्च रक्तचाप एवं डायबिटीज अनियमित जीवनशैली से जुड़े रोग है इनसे जीवनशैली में बदलाव कर बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि देश में बड़ी संख्या में उपलब्ध मानव शक्ति का उपयोग इन रोगों के मरीजों को चिन्हित करने रोकथाम करने एवं प्रबन्धन में किया जा सकता है। सरकार कुछ योजनओं में इनका सहयोग ले रही है परन्तु इनकी क्षमता का पूरी तरह उपयोग किया जाना चाहिए।
प्रो. चटोपाध्याय होम्योपैथिक साइंस कांग्रेस सोसायटी द्वारा होटल गोमती नगर में आयोजित राष्ट्रीय होम्योपैथी संगोष्ठी के वैज्ञानिक सत्र को दूसरे दिन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जीवन शैली में सुधारकर एवं होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोगकर डायबिटीज एवं हाइपर टेंशन पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने डायबिटीज एवं हाइपरटेंशन के होम्योपैथी द्वारा उपचारित रोगियों का अध्ययन प्रस्तुत किया।
सटीक औषधि का चयन संभव : डा. एमके साहनी
पटना से आये जीडी मेमोरियल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के प्रो. डा. एमके साहनी ने बताया कि जीवन शैली जन्य रोग जैसे हृदय रोग, हृदयघात, मधुमेह, सीओपीडी, कैंसर तेजी के साथ बढ़ रहे है और यह जनस्वास्थ्य के लिये गंभीर समस्या हैं। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सक इनको आसानी से उपचारित कर सकता है परन्तु इसके लिये रोगी के मानसिक लक्षण, आचार-विचार व्यवहार आदि पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
दिल्ली से आये नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के एसोसियेट प्रो. डा. बिपीन जेठानी ने होम्योपैथी द्वारा उपचारित कैन्सर, जीबी सिन्ड्रोम, क्रानिक रीनल फेल्योर, आईबीएस, थैलीसिमिया आदि के केसों का साक्ष्य सहित विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी द्वारा उपचार के लिये रोगी को समझना आवश्यक हैै तभी सटीक औषधि का चयन संभव है।
दवाइयां पूरी तरह सुरक्षित
दिल्ली के डा. दीपक शर्मा ने बताया कि वायरस जनित रोगों जैसे स्वाइन लू, चिकनपाक्स, खसरा, डेंगू, चिकुनगुनिया आदि का प्रबन्धन रोकथाम एवं जटिलताओं को होम्योपैथी द्वारा उपचारित किया जा सकता है। यह तथ्य साबित हो चुका है। यह दवाइयां पूरी तरह सुरक्षित है। इस अवसर पर आयोजन सचिव डॉ. अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी वृद्धावस्था के रोग मातृ एवं शिशु रोग मानसिक रोग चर्म रोग आदि ज्यादातर बीमारियों के उपचार में पूरी तरह कारगर है।