लखनऊ। मां एवं शिशु स्वास्थ्य की देखभाल के लिए होम्योपैथी विषय संगोष्ठी का आयोजन कुर्सी रोड स्थित निप्सिड सभागार में किया गया। यह होम्योपैथिक सांइस कांग्रेस सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इस दौरान डॉ. अनुरुद्ध वर्मा ने कहा कि गर्भावस्था, प्रसवोपरान्त और स्तनपान के दौरान होने वाली समस्याओं के समाधान में होम्योपैथी पूरी तरह कारगर है।
इन्होंने यह कहा
इस अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रो. अवध राम ने कहा कि होम्योपैथी को लोगों तक पहुंचाकर सभी को स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं। पूर्व निदेशक होम्योपैथी प्रो. वीएन सिंह ने कहा कि स्वस्थ शिशु एवं खुशहाल मां से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण सम्भव है। होम्योपैथिक विश्वविद्यालय जयपुर के रजिस्ट्रार डॉ. तारकेश्वर जैन ने कहा कि जब बच्चों का मन बदलने लगे और वह ठीक से बात न कर सके और अपने में ही खोया रहे। ऐसी स्थिति में मां-बाप को होम्योपैथिक चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। पंजाब के डॉ. सैय्यद तनवीर हसन ने बताया कि अगर गर्भवती महिला किसी प्रकार के तनाव से ग्रसित है तो इसका प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। इससे समय से पूर्व जन्म, गर्भपात, कम वजन एवं मंदबुद्धि समेत अनेक बीमारियां हो सकती है। इसका होम्योपैथी में सटीक इलाज है। संगोष्ठी में डॉ. दिव्या तनेजा, डॉ. एके गुप्ता, प्रो. रेखा सचान, डॉ. एसएम सिंह, डॉ. टीआर यादव, डॉ. मृत्यंजय पाण्डेय आदि ने भी बीमारियों और बचाव की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन स्फूर्ति सिंह ने किया।
जटिल प्रसव भी होम्योपैथिक दवाओं से आसान
केजीएमयू की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. रेखा सचान ने गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इलाहाबाद के प्रख्यात वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एसएम सिंह ने बताया कि जटिल से जटिल प्रसव भी होम्योपैथिक दवाओं से आसान हो सकता है। उन्होंने अनेक रोगों के होम्यापैथिक उपचार की चर्चा की।