लखनऊ। होम्योपैथिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए युवा डॉक्टरों को एक साथ एक मंच पर आना होगा। इसके लिए शोध किया जाना चाहिए। अक्सर लोगों का मानना है कि होम्योपैथिक से इलाज में समय लगता है। यह जानकारी रिसर्च सोसायटी ऑफ होम्योपैथी के अध्यक्ष डॉ. सीपी सिंह ने गुरुवार को दी।
तेजी से दवाओं का होगा असर
उन्होंने कहा कि शोध से आधुनिक बीमारियों पर तेजी से दवाओं का असर होगा और दवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी। उन्होंने बताया कि सोसायटी की ओर से होम्योपैथ के प्रचार-प्रसार, शोध को बढ़ावा देने, आम लोगों तक पहुंचाने के लिए 25वीं राष्ट्रीय होम्योपैथिक कांफ्रेंस 15 व 16 दिसंबर को डालीबाग गन्ना संस्थान में होगी। इसमें देश भर से होम्योपैथिक डॉक्टर जुटेंगे।