लखनऊ। निर्वाण मानसिक एवं नशा रोग चिकित्सा अस्पताल में विश्व हेपेटाइटिस दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को नशा रोगियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। होप इनिशिएटिव संस्था की ओर से आयोजित कार्यशाला में निर्वाण हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों, उनके परिजनों और हॉस्पिटल के स्टाफ को हेपेटाइटिस बी व सी जैसी खतरनाक बीमारियों के बारे में बताया गया।
विषाणु से फैलती है हेपेटाइटिस बी व सी
कार्यशाला के दौरान होप इनिशिएटिव के डॉ. जयदीप धोंदियाल ने सभी मरीजों को पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा हेपेटाइटिस बी व सी की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया की हेपेटाइटिस बी व सी, लिवर की बीमारी है जो हेपेटाइटिस बी व सी विषाणु से फैलती है। उन्होंने वीडियो के माध्यम से हेपेटाइटिस बी व सी के प्रकार, इनके होने के कारण, इनसे बचने के उपाय एवं इनके टीकों के बारे में सबको अवगत कराया। कार्यक्रम में होप इनिशिएटिव की रेशमा समी ने सभी मरीजों के साथ संवाद किया एवं कार्यक्रम का संचालन किया।
ये बताई वजह
निर्वाण के अध्यक्ष एवं मनोचिकित्सक डॉ. एचके अग्रवाल के मुताबिक हेपेटाइटिस बी व सी ब्लेड एवं उस्तरा जैसे धारदार चीजों के प्रयोग, सुई या सिरिंज के दोबारा प्रयोग करने से, संक्रमित रक्त चढ़वाने से, संक्रमित महिला से होने वाले बच्चे से, कान या नाक छिदाने से एवं संक्रमित महिला या पुरुष से असुरक्षित यौन सम्बन्ध से फैलता है। उन्होंने बताया कि जो मरीज नसों से नशे लेते हैं, उनके वायरल मार्कर जांच कराना आवश्यक है, जिससे पता चल सके की वो हेपेटाइटिस बी या सी संक्रमित हैं की नहीं और यदि हैं तो उसका उपचार करवाना चाहिए।
हेपेटाइटिस सी की रोकथाम के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं
निर्वाण के निदेशक एवं आईएमए लखनऊ के प्रवक्ता डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने बताया कि हेपेटाइटिस बी से बचाव का टीका बच्चों और वयस्कों को क्रमश: तीन खुराकों में दिया जाता है। पहले टीके के एक महीने बाद दूसरा टीका और छह महीने बाद तीसरा टीका लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल हेपेटाइटिस सी की रोकथाम के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
ये थे उपस्थित
कार्यशाला के अंत में रेशमा समी द्वारा सभी मरीजों के हेपेटाइटिस से सम्बन्धी सभी सवालों का सेशन किया गया, कार्यक्रम में निर्वाण की डॉ. फौजिया, डीआरएक्स हरजिंदर सिंह, डॉ. जीतेन्द्र, डॉ. रत्नाकर व अन्य लोगों ने भाग लिया।