लखनऊ। जनसंख्या का नियंत्रण बहुत जरूरी है। देश में बढ़ती जनसंख्या जहां कई तरह की समस्याएं खड़ी करद रही है, वहीं कई बुद्धिजीवियों और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे लेकर चिंता जता चुके हैं। यही वजह है कि देश स्तर पर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरुकता अभियान तेज कर दिए गए हैं। प्रदेश की योगी सरकार भी इस बात पर ध्यान दे रही है।
प्रोत्साहन राशियों का भी प्रबंध
जनसंख्या वृद्धि पर चिंतित सरकार अब परिवार नियोजन के लिए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाने जा रही है। पंद्रह दिनों तक चलाए जाने वाले इस अभियान में परिवार नियोजन के लिए पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। महिलाओं को जनसंख्या नियंत्रण के उपाय अपनाने पर कई तरह की प्रोत्साहन राशियों को भी देने का प्रबंध किया गया है।
जनसंख्या नियंत्रण के प्रति पुरुषों की सहभागिता नगण्य
बढ़ती जनसंख्या पर लगाम कसने के लिए गोरखपुर की महिलाओं ने तो थोड़ी भागीदारी निभाई है लेकिन पुरुषों की इसमें कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई पड़ रही है। आंकड़ें गवाह है कि पिछले साल परिवार नियंत्रण के लिए उठाए गए आवश्यक कदम में पुरुषों की भागीदारी न के बराबर रही। पिछले सत्र में जहां 7152 महिलाओं ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय करने में सहयोग किए वहीं इसके सापेक्ष महज 84 पुरुषों ने नसबंदी में रुचि दिखाई।
अब जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा से पुरुषों को करेंगे प्रेरित
जनसंख्या वृद्धि से चिंतित सरकार ने अब लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। अभियान चलाकर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सीएमओ श्रीकांत तिवारी ने बताया कि जनपद में महिलाओं को परिवार नियोजन के साधनों यथा- ओरल पिल्स, छाया पिल्स, अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी व महिला नसबंदी को अपनाया के लिए प्रेरित किया जाएगा तो इसी तरह पुरुषों को भी अपनी भागीदारी अधिक से अधिक सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि पुरुष भी नसबंदी के उपायों को अपनाए और खुद इसके लिए आगे आए।
11 जुलाई से चलेगा अभियान ताकि नियंत्रित रहे जनसंख्या
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल आरसीएच डॉ. नंद कुमार ने बताया कि जिले में जुलाई से 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा। शिविर लगाकर लाभर्थियों को परिवार नियोजन की सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस बार सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व अन्य स्वास्थ्य केंद्रो को टारगेट दिया गया है।
स्वास्थ्य केंद्रों को मिला यह टारगेट
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को संबंधित केंद्र पर 10-10 महिला और पुरुष नसबंदी कराना होगा। इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन के 100 नए लाभार्थी बनाने होंगे। इसी तरह सीएचसी यानी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 20-20 महिला और पुरुष नसबंदी कराना होगा। इसके अलावा 50 अंतरा इंजेक्शन के नए लाभार्थी बनाने है।
सरकार दे रही प्रोत्साहन राशि भी
जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग देते हुए परिवार नियोजन करने वाले लाभार्थियों को सरकार प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। उन्होंने बताया कि नसबंदी कराने वाले पुरुषों को 2 हजार तो महिलाओं को 1400 रुपये दी जानी है। इसके अलावा पोस्ट स्टर्लाईजेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 2200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात (स्वत: व सर्जिकल) उपरांत आईयूसीडी, जिसको सरल भाषा में कॉपर-टी कहा जाता है के लिए लाभार्थी को 150-150 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।