लखनऊ। सोमवार को काका मैरेज पैलेस महराजगंज मे राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट संघ के जनपद शाखा के अधिवेशन में प्रान्तीय अध्यक्ष और मुख्य अतिथि विद्याधर पाठक सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि उप्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक एवं यूनानी संवर्ग के फार्मासिस्टों की उपेक्षा की जा रही है जो अब बर्दाश्त के बाहर है।
यह बात कही
समान शैक्षिक योग्यता, व्यवसायिक योग्यता, वेतनमान भर्ती प्रक्रिया होते हुए भी एलोपैथिक फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन करके प्रभारी अधिकारी विशेष कार्याधिकारी उपनिदेशक फार्मेसी के पदों को सृजित किया गया। आयुर्वेदिक यूनानी फार्मासिस्ट संवर्ग की पत्रावली 2014 से वित्त विभाग आयुष अनुभाग निदेशालय का चक्कर लगा रही है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव शासन आयुष की संस्तुति के बाद भी लम्बति है। प्रभार भत्ता सन 1990 से मात्र 75 रुपया है। समायोजित फार्मासिस्टों का विनियमितिकरण अवक्रमित किया जाए, वरिष्ठता सूची निर्गत की जाए, वर्षों से लम्बित एसीपी वित्त नियन्त्रक की हठधर्मिता से लम्बति है, फार्मासिस्टों का विनियमितिकरण आदेश संशोधित करते हुए शासनादेश तिथि 20-12-2001 से किया जाए।
अमर सिंह निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष
अधिवेशन में प्रान्तीय महामंत्री आनन्द सिंह भी उपस्थित थे। अन्त में प्रान्तीय अध्यक्ष द्वारा निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष अमर सिंह, मंत्री अरविन्द पाण्डेय को हार्दिक बधाई देते हुए शपथ दिलाई गई। अन्य प्रान्तीय पदाधिकारी अनिल उपाध्याय, श्यामराज राजेन्द्र मिश्रा, कृष्ण बिहारी पाण्डेय, बीबी मिश्रा, चन्द्रिका वर्मा आदि उपस्थित थे।