डॉ. रवि भास्कर क्लिनिक, इन्दिरा नगर में खुला डॉट्स सेंटर
लखनऊ। टीबी के इलाज का पूरा कोर्स करना टीबी के खात्मे के लिये बहुत ही जरूरी है। साथ में यह भी जरूरी है कि पैसे के अभाव में किसी भी मरीज की दवा न छूटे। इसका खास ख्याल रखा जा रहा है। यह बातें जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बी.के. सिंह ने इन्दिरा नगर स्थित डा. रवि भास्कर क्लिनिक पर जीत परियोजना के माध्यम से डॉट्स सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सालयों में डॉट्स सेंटर का खुलना टीबी उन्मूलन की दिशा में एक सार्थक कदम है।
मिस कॉल से मिलेगी जानकारी
डॉ. सिंह ने कहा कि यह निजी क्लिनिक डिस्परसल सेंटर की तरह काम करेंगे और यहां सरकारी दवा उप्लब्ध करायी जायेगी। जल्दी ही यह सुविधा शहर में पांच और प्राइवेट क्लिनिक पर शुरु की जायेगी। उन्होंने बताया कि मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं तथा भारत सरकार द्वारा टीबी के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिये एक टोल फ्री नं. 1800-11-6666 भी जारी किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति मिस कॉल करके टीबी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
निजी चिकित्सालयों में खुला डॉट्स सेंटर
चेस्ट फीजिशियन डा. रवि भास्कर ने कहा कि शहरी, देहात व बाहरी जिले के रोगी टीबी के इलाज के लिये आते हैं लेकिन आर्थिक तंगी के कारण बहुत से मरीज इलाज पूरा नहीं करते हैं। निजी चिकित्सालयों में डॉट्स सेंटर का खुलना टीबी के खात्मे की ओर ठोस कदम है। इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ. जीके सिंह विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डॉ. उमेश त्रिपाठी, ममता हेल्थ इन्स्टीट्यूट की स्टेट हेड शुभ्रा तिवारी, जीत परियोजना से शैलेंद्र उपाध्याय, अन्जुला सचान व जिला प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक रामजी वर्मा उपस्थित थे।
यह होता है टीबी रोग
टीबी को क्षय रोग भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक रोग है जो कि बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होती है। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। फेफड़ों में होने वाली टीबी को पल्मोनरी टीबी कहा जाता है और जब टीबी शरीर के किसी अन्य भाग में होती है तो उसे एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी कहा जाता है।