लखनऊ। गोमती नगर स्थित लोहिया संस्थान में मरीज के सिर में थ्रीडी टाइटेनियम प्लेट लगाई गई है। बताया गया है कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का सफल प्रयोग किया गया है। इस मरीज के सिर पर चोट लगने की वजह से मरीज के सिर की हड्डी (क्रेनियल बोन) क्षतिग्रस्त हो गई थी। डॉ. दीपक ने बताया कि यह तकनीक अभी दिल्ली, बेंगलुरु आदि जगह ही इस्तेमाल हो रही थी। प्लेट बनवाने के लिए बाहर की कंपनी को आर्डर देना पड़ा, इसलिए यह महंगा पड़ा।
टाइटेनियम प्लेट को क्रेनियल बोन से जोड़ा
यहां के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. दीपक कुमार ने पहली बार थ्रीडी तकनीक का उपयोग करके टाइटेनियम प्लेट को क्रेनियल बोन से जोड़ा है। सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह से सामान्य है और उसका सिर भी पहले की तरह हो गया है। 40 वर्षीय मोहम्मद हसनैन के सिर पर दुर्घटना के समय चोट लग गई थी। इसकी वजह से उसके सिर के एक हिस्से की हड्डी यानी क्रेनियल बोन क्षतिग्रस्त हो गई थी। प्रो. दीपक ने बताया कि हसनैन की क्रेनियल बोन को ऑपरेट करके हटाना पड़ा, जिससे उसके सिर का आकार बिगड़ गया था।
डेढ़ घटे की सर्जरी
डॉ. दीपक ने बताया कि पहली बार इस तरह की थ्रीडी टाइटेनियम प्लेट का इस्तेमाल किया गया। इसमें पहले मरीज के सिर का सीटी स्कैन किया गया, बाद में बेंगलुरु में थ्रीडी टाइटेनियम प्रिंटिंग के लिए भेजा गया। लगभग डेढ़ घंटे तक सर्जरी चली, जिसमें डॉ. दीपक कुमार, डॉ. कुलदीप यादव, डॉ. फरहान अहमद रहे।