लखनऊ। सांस संबंधी रोगों का आकलन करने के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग ने दो दिवसीय पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) कार्यशाला का आयोजन किया गया। वहीँ कार्यशाला के अन्त में सभी अभ्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये।
यह कार्यशाला इण्यिन चेस्ट सोसाइटी की ओर से आयोजित की गई थी। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सांस संबंधी बीमारी होना आम बात है। इसका सीधा प्रभाव हमारे फेफड़े पर पड़ता है। इसकी क्षमता का आकलन करने की विधि को ही पीएफटी (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) कहते है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त ने बताया कि प्रधानमंत्री स्किल इण्डिया के प्रोग्राम को इस तरह की कार्यशाला से बढ़ावा मिलता है।
अपने विचार रखे
इस दो दिवसीय कार्यशाला में प्रदेश के कई प्रतिष्ठित चिकित्सकों (डॉ. सूर्यकान्त, डॉ. पीके शर्मा, डॉ. संदीप भट्टाचार्य, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. नरसिंह वर्मा, डॉ. श्रद्धा सिंह, डॉ. आन्नद श्रीवास्तव एवं डॉ. दर्शन कुमार बजाज) ने अपने-अपने विचार रखे।
इस अवसर पर विभाग के अन्य चिकित्सक डॉ. एसके वर्मा, डॉ. आरएएस कुशवाहा, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. संन्तोष कुमार एवं डॉ. अजय कुमार वर्मा भी उपस्थित रहे।