बिलासपुर। स्वाइन फ्लू को लेकर छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रदेश का बिलासपुर जिला स्वाइन फ्लू की चपेट में है। जिले में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 15 से अधिक संभावित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं एक निजी अस्पताल से स्वाइन फ्लू की मरीज महिला गायब हो जाती है। इसकी सूचना स्वास्थ विभाग को दी जाती है। विभाग यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है कि मरीज अपनी मर्जी से चली गयी है।
यह है सवाल
बिलासपुर शहर के एक निजी अस्पताल में स्वाइन फ्लू से संक्रमित महिला पहले उपचार के लिए भर्ती होती है और बाद में बिना किसी को सूचना दिए लापता हो जाती है । स्वाइन फ्लू से संक्रमित महिला मरीज दो दिन से लापता है। सवाल उठता है कि आखिरकार संक्रमित मरीज को ऐसे ही कैसे बिना पूरा उपचार किए जाने दिया जा सकता है? इस मरीज के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को स्वाइन फ्लू के संक्रमण का खतरा हो सकता है।
अधिकारी का कहना है
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एसके लाल का कहना है कि बिलासपुर शहर में स्वास्थ्य विभाग एक अलग टीम बनाकर सर्वे करा रहा है। 15 लोगों का परीक्षण किया गया। इसमें छह लोग स्वाइन फ्लू पॉजिटिव निकले थे। इनमें पांच लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक है। सरकारी अस्पताल में एक भी संक्रमित मरीज या स्वाइन फ्लू के संभावित मरीज भर्ती नहीं हैं।
निजी अस्पतालों में ज्यादा मरीज
निजी अस्पतालों में 30 से अधिक संभावित मरीजों का उपचार चल रहा है। इन अस्पतालों में वैक्सीन का अभाव है। विभागीय अधिकारी कहते हैं कि जब तक मरीज को सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जाता, तब तक उनको वैक्सीन लगा पाना या स्वाइन फ्लू की दवाइयां उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है।
दवा की कालाबाजारी
इस बीच स्वाइन फ्लू के वैक्सीन की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। स्वाइन फ्लू के संभावित मरीजों की जांच रिपोर्ट आने में भी काफी ज्यादा समय लग रहा है । रायपुर और जगदलपुर में स्वाइन फ्लू के मरीजों की जांच की जा रही है।